Festive Season में सब्जियों के दाम पहुंचे आसमान पर पहुंचे, गोभी 100 रुपये के पार तो बैंगन 80 रुपए प्रतिकिलो Festive Season, prices of vegetables reached the sky, cabbage crossed Rs 100 and brinjal Rs


Highlights
- फुटकर विक्रेता सब्जी के बढ़े दामों के लिए बीते दिनों खराब मौसम को मानते हैं
- सब्जी विक्रेताओं के मुताबिक लगातार हुई बारिश के चलते खेत में पड़ी सब्जियां सड़ गई
- फुटकर रेड़ी विक्रेता की सब्जी के रेट में जमीन आसमान का अंतर
Festive Season: नवरात्र शुरू होते ही त्योहारों का सीजन शुरू हो जाता है और इसके साथ साथ जनता की परेशानियां भी बढ़ने लगती है। लोगो का बजट बिगड़ने लगता है। क्योंकि इस दौरान चाहे फल हो या सब्जियां सब के दाम आसमान पर होते हैं। कुछ ऐसा ही हो रहा है दिल्ली-एनसीआर में भी। दिल्ली से सटे नोएडा की बात करें तो यहां पर सब्जी और फलों के रेट में सफल स्टोर और फुटकर रेड़ी विक्रेता की सब्जी के रेट में जमीन आसमान का अंतर देखने को मिल रहा है। गोभी 100 रुपये के पार तो बैंगन 80 रुपए प्रतिकिलो बिक रहा है। साथ ही साथ सब्जी विक्रेता यह बताते हैं कि उनको पीछे से ही सब्जी महंगी मिल रही है और रही सही कसर बीते दिनों हुई लगातार बारिश ने पूरी कर दी। खेतों में पड़ी हुई सब्जियां सड़ गई जो मंडी तक और आम जनता तक नहीं पहुंच पाई, इसीलिए उनकी कीमत इतनी बढ़ चुकी है।
मनमाना दाम वसूल रहे रेहड़ी-पटरी वाले
दिल्ली एनसीआर में बने सफल स्टोर्स की अगर बात करें तो यहां पर रेट को पूरी तरीके से कंट्रोल में रखा जाता है। फिर भी यहां पर सब्जियों और फलों के दाम आसमान छूते दिखाई दे रहे हैं तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि खुदरा विक्रेता की सब्जियां कितनी महंगी होंगी। नोएडा सेक्टर 77 के रहने वाले संजय कुमार ने बताया कि रहेड़ी-पटरी वाले मनमाना दाम वसूल रहे हैं। सरकार को कोई कंट्रोल नहीं है। सोसाइटी के आसपास सब्जियों के रेट ही बिल्कुल अलग है।
सफल स्टोर के रेट
आलू – 18 से 22 रुपए प्रतिकिलो
गोभी – 98 रुपए प्रतिकिलो
बैंगन – 45 रुपए प्रतिकिलो
टमाटर – 54 रुपए प्रतिकिलो
फुटकर विक्रेताओं के रेट
आलू – 25 से 30 रुपए प्रतिकिलो
गोभी – 100 रुपए प्रतिकिलो
बैंगन – 80 रुपए प्रतिकिलो
टमाटर – 50 रुपए प्रतिकिलो
खराब मौसम का हवाला
फुटकर विक्रेता सब्जी के बढ़े दामों के लिए बीते दिनों खराब मौसम को मानते हैं। सब्जी विक्रेताओं के मुताबिक लगातार हुई बारिश के चलते खेत में पड़ी सब्जियां सड़ गई। जो आम जनता तक नहीं पहुंच पाई। उन्हीं की शॉर्टेज के चलते मार्केट का यह हाल हुआ है। सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि साहिबाबाद में सबसे ज्यादा सब्जियों की खेती होती है और उसी से दिल्ली एनसीआर में ज्यादातर सब्जियां सप्लाई की जाती हैं। सब्जियों के लगातार बढ़ते दाम से आम जनता परेशान है और जूझ रही है। फिलहाल किसी तरीके की कोई भी राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है।