गुजरात चुनाव में बीजेपी को कांग्रेस-AAP से मिलेगी चुनौती? सीएम भूपेंद्र पटेल बोले- हमारी जीत सुनिश्चित, छठवीं बार मिलेगा जनादेश

गांधीनगर/प्रज्ञा कौशिक. यूपी समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब बीजेपी की नजर गुजरात विधानसभा चुनावों पर है. 12 मार्च को गुजरात दौरे पर पीएम मोदी के रोड शो के साथ ही पार्टी ने चुनावी बिगुल फूंक दिया है. बीजेपी की गुजरात इकाई के बड़े नेता और सरकार के मंत्री पहले से राज्य का दौरा कर रहे हैं.
इसी कड़ी में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने आगामी विधानसभा चुनाव और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गृह राज्य में बेहतर प्रदर्शन करने के दबाव को लेकर News18 से खास बातचीत की.
सवाल: क्या पंजाब की तरह कांग्रेस ने गुजरात में भी अन्य क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को अपना स्थान दिया है. लेकिन गुजरात अब तक एक द्विध्रुवीय चुनावी राज्य रहा है, क्या आपको लगता है कि इस चुनाव में यह बदलेगा?
जवाब: हमारा सिद्धांत है कि हम अपने विकास कार्यों को लेकर अंतिम पंक्ति में खड़े नागरिकों तक पहुंचे. हम योजना बनाते समय सबसे पिछड़े और दलित व्यक्ति को ध्यान में रखते हैं. हमने सुनिश्चित किया है कि उन्हें वृद्धावस्था और विधवा पेंशन और राशन जैसी सरकारी योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले.
सवाल: इस विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी योजना क्या है जो बीजेपी के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है?
जवाब: हम काफी समय से गुजरात में हैं और हमारे लिए ग्रीन एनर्जी और जीरो कार्बन रेटिंग की अवधारणा एक बड़ा काम है. इस पर काम किया जा रहा है. हमने इलेक्ट्रिक वाहनों और बैटरी के लिए जापान के साथ एक एमओयू साइन किया है. हमने रिलायंस के साथ-साथ ग्रीन एनर्जी के लिए 5 लाख करोड़ रुपये के एक और एमओयू पर साइन किए हैं. ग्रीन एनर्जी की ओर हमारा कदम पेट्रोलियम पर निर्भरता को कम करेगा.
सवाल: आम आदमी पार्टी मुफ्त सुविधाएं दे रही है, आप इस चुनाव उनका मुकाबला कैसे करेंगे?
जवाब: मैं भी मुफ्त सुविधाएं दे सकता हूं. राजस्थान का बजट देखिए. कोविड के बाद राजकोषीय घाटे का अनुपात निम्न स्तर पर बना हुआ है. यह बराबर या 3% से कम होना चाहिए. हालांकि केंद्र सरकार ने कोविड के कारण 4.5% की छूट दी है. इसके बावजूद सरकार का राजकोषीय घाटा 2% तक नहीं पहुंचा है और न ही हमने टैक्स बढ़ाकर लोगों पर बोझ डाला है. गैर-भाजपा राज्यों में यह 4.6 फीसदी हो गया है. यह एक लोकतांत्रिक व्यवस्था है.
सवाल: गुजरात में बीजेपी के साथ-साथ आम आदमी पार्टी भी चुनावी मैदान में है, आपके लिए चुनौती कितनी बड़ी है?
जवाब: आम आदमी पार्टी के साथ-साथ कोई भी दल चुनाव लड़ सकता है. लेकिन बीजेपी 365 दिन काम करती है. वह हर रोज लोगों के लिए काम करती है. निकाय चुनावों में हमें अच्छे नतीजे मिले. गांधीनगर में म्यूनिसिपल की 44 सीट में से बीजेपी को 41 सीट मिली. यह पहली बार है जब भाजपा ने यहां अच्छा प्रदर्शन किया है.
सवाल: आपने गुजरात मॉडल के बारे में बात की. यह पीएम मोदी का गृह राज्य है और आप उस सीट पर हैं जिस पर उन्होंने सालों पहले कब्जा किया था. चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए आप कितना दबाव महसूस कर रहे हैं?
जवाब: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेजोड़ हैं. ‘नरेंद्र भाई एक ही हैं’. हमें उनके नेतृत्व में काम करना है और वैश्विक स्तर पर भी कोई उनके जैसा काम नहीं कर सकता है. लेकिन नरेंद्र मोदी ने अतीत में जो कुछ भी किया, हम उनका सम्मान करते हैं. इस काम को शुरू करने में उन्हें कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ा होगा. लेकिन उनके कामों ने हमारी राह आसान कर दी है.
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सवाल: गुजरात के अल्पसंख्यकों के बारे में आप क्या सोचते हैं?
जवाब: हम इस धारणा पर काम नहीं करते हैं. हम सबके लिए काम करते हैं. राज्य में सभी के लिए नीतियां बनाई गई हैं और अगर इनमें ढील दी गई तो किसी को बख्शा नहीं जाएगा.
सवाल: पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को मजबूत टक्कर दी थी. क्या इस बार भी चुनौती कड़ी होगी?
जवाब: किसी भी विधानसभा चुनाव से पहले स्थानीय निकाय चुनाव होते हैं और आज हम सभी स्थानीय जिला पंचायतों में सत्ता में हैं. मुझे नहीं लगता कि कांग्रेस से कोई चुनौती है. भाजपा संगठन और सरकार जमीनी स्तर पर योजनाओं को लागू करने के लिए बेहतर तरीके से काम करता है.
सवाल: बीजेपी को गुजरात में लगातार छठवीं बार जनादेश मिलेगा. क्या आप सत्ता विरोधी लहर से परेशान हैं?
जवाब: अपने काम की बदौलत बीजेपी फिर से राज्य में सत्ता में वापसी कर रही है और मुझे लगता है कि हमारी राह आसान होनी चाहिए.
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