Iran Mahsa Amini Death at least nine killed in protests against hijab in Iran ईरान में हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन में नौ की मौत, पुलिस हिरासत में महिला की मौत पर आक्रोश


Women hold up drawings of Iranian Mahsa Amini as they shout slogans during a protest against her death
Highlights
- धर्माचार पुलिस की हिरासत में महसा अमिनी की मौत
- हिजाब का कथित रूप से उल्लंघन करने पर हुई थी गिरफ्तार
- पूरे ईरान में हिजाब के खिलाफ शुरू हो गए विरोध प्रदर्शन
Iran Mahsa Amini Death: पुलिस हिरासत में 22-वर्षीय महिला की मौत के बाद प्रदर्शन कर रहे लोगों और ईरानी सुरक्षाबलों के बीच हुई झड़पों में अब तक कम से कम नौ लोगों की मौत हुई है। एसोसिएटेड प्रेस ने गुरुवार को यह जानकारी दी। ईरान में जारी अशांति हाल के कई सालों में सबसे खराब स्थिति तक पहुंच गयी है। ऐसे में सामाजिक दमन और देश में बढ़ते संकटों से नाराज प्रदर्शनकारियों का कम से कम एक दर्जन शहरों में सुरक्षा और अर्धसैनिक बलों से सामना जारी है। ईरान के सरकारी टेलीविजन के एक प्रस्तोता का मानना है कि विरोध-प्रदर्शनों के दौरान मरने वालों की संख्या गुरुवार को 17 तक पहुंच सकती है, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि उन्होंने यह आंकड़ा कहां से हासिल किया है।
इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप जारी है रोक
न्यूज प्रजेंटर ने कहा, “दुर्भाग्यवश (विरोध प्रदर्शन की) इन घटनाओं में 17 प्रदर्शनकारियों और पुलिस अधिकारियों की जान चली गई है।” उन्होंने कहा कि आधिकारिक आंकड़े बाद में जारी किये जाएंगे। विरोध पर सरकार की कार्रवाई की जानकारी अन्य लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रदर्शनकारियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप पर व्यापक रोक जारी रही। ऐसा प्रतीत होता है कि अधिकारियों ने इन घटनाओं को बाहरी दुनिया तक पहुंचने से रोकने के लिए यह कदम उठाया है, जबकि सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार अशांति के समय हमेशा इस तरह के कदम उठाती है।
ड्रेस कोड के उलंघन पर गिरफ्तार युवती की मौत
ईरान में प्रदर्शनों की शुरुआत देश की धर्माचार पुलिस द्वारा सख्ती से लागू किए गए ड्रेस कोड (हिजाब) का कथित रूप से उल्लंघन करने के लिए गिरफ्तार युवती महसा अमिनी की मौत पर एक भावनात्मक आक्रोश की परिणति है। उसकी मौत को लेकर अमेरिका, यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र ने कड़ी निंदा की है। पुलिस का कहना है कि उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी और उसके साथ दुर्व्यवहार नहीं किया गया था, लेकिन उसके परिवार ने इस बारे में संदेह जताया है। संयुक्त राष्ट्र से जुड़े स्वतंत्र विशेषज्ञों ने गुरुवार को कहा कि रिपोर्ट से पता चलता है कि धर्माचार पुलिस ने उसे बिना सबूत पेश किए बुरी तरह पीटा था। उन्होंने दोषियों को जिम्मेदार ठहराने के लिए निष्पक्ष जांच की मांग की है।