हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी पंजाब सरकार, तैयार की SLP-2015 Kotkapura firing case Punjab ready with special leave petition against high court decision on SIT– News18 Hindi

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के दखल के बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है. इस मुद्दे पर महाधिवक्ता अतुल नंदा और गृह सचिव अनुराग अग्रवाल के बीच नोकझोंक हुई थी और फाइल एक ऑफिस से सिर्फ दूसरे ऑफिस में जा रही थी. SLP दाखिल करने पर अंतिम फैसला लेने के लिए सरकार को पहले ही तीन महीने हो चुके हैं.
सरकार की दलील
अखबार ने सूत्रों के हवाले से ये लिखा है कि सरकार ने SLP में ये दलील दी है कि हाईकोर्ट ने अपने अधिकार क्षेत्र को पार करते हुए जांच को रद्द कर दिया, जबकि ट्रायल कोर्ट में अभी ट्रायल शुरू हुआ था. इसके अलावा, सरकार ने एक ये भी दलील दी है कि इंस्पेक्टर गुरदीप सिंह द्वारा दायर याचिका पर खारिज करने के आदेश आए थे, जिन्होंने मामले में हाई कोर्ट में खुद के लिए राहत मांगी थी.
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SLP को लेकर फंसा है पेंच
बता दें कि SLP हाईकोर्ट के आदेश के तीन महीनों के बाद दायर की जाती है. इस मामले में कोर्ट ने 9 अप्रैल को आदेश दिया था. जबकि 3 महीने की समयसीमा खत्म हो गई है. ऐसे में सरकार ये दलील दे सकती है कि उन्हें आदेश की कॉपी 22 अप्रैल को मिली. लिहाज़ा उन्हें SLP फ़ाइल करने की इजाजत दी जाए.
क्या है पूरा मामला?
फरीदकोट में 2015 में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी और इस मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस गोलीबारी की घटना हुई थी. उस वक्त प्रकाश सिंह बादल पंजाब के मुख्यमंत्री थे. गुरु ग्रंथ साहिब के पन्ने बिखरे पाए जाने के बाद कोटकपूरा में विरोध प्रदर्शन हुआ था.