बंगाल की कुछ सीटों पर चुनावी नतीजों को चैलेंज कर सकती है भाजपा, दिलीप घोष ने दिए संकेत
पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष. (पीटीआई फाइल फोटो)
West Bengal News: दिलीप घोष ने कहा, ‘हमारी कानूनी टीम सारे विकल्पों पर विचार कर रही है कि कहां याचिका दायर की जा सकती है.’
कोलकाता. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पश्चिम बंगाल में उन सीटों पर चुनावी नतीजों को चुनौती देने के लिए याचिका दायर कर सकती है जहां से उनके उम्मीदवार को मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने शनिवार को यह बात कही. घोष का यह बयान ऐसे समय में आया है, जबकि एक दिन पहले ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और चार अन्य तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने इसी तरह की याचिका कलकत्ता उच्च न्यायालय में दायर की है. दिलीप घोष ने कहा, ‘हमारी कानूनी टीम सारे विकल्पों पर विचार कर रही है कि कहां याचिका दायर की जा सकती है. हम चुनावी याचिका दाखिल करने की भी योजना बना रहे हैं. हमने उन सीटों की पहचान कर ली है और हमारे वकील तैयारी में जुटे हैं.’
मई माह में संपन्न पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान ममता बनर्जी को नंदीग्राम सीट से भाजपा के उम्मीदवार शुवेंदु अधिकारी के हाथों मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद ममता ने चुनाव आयोग से अपील कर फिर से मतगणना कराने को कहा, लेकिन आयोग ने उनकी मांग को सिरे से खारिज कर दिया. इसके तुरंत बाद ही ममता ने कोर्ट में याचिका दायर करने के फैसले की घोषणा की थी.
उन्होंने गुरुवार को अपनी याचिका दायर की. इसी दिन तृणमूल कांग्रेस के चार अन्य उम्मीदवारों ने भी बलरामपुर, गोघाट, मोयना और बनगांव विधानसभा सीट के चुनावी नतीजों के खिलाफ अपनी-अपनी याचिका दाखिल की. भाजपा ने जिन 77 सीटों पर जीत हासिल की है, ये चार सीटें भी उसी में शामिल हैं. घोष ने सबसे पहले शुक्रवार को चुनाव परिणामों को चुनौती देने की भाजपा की योजना का संकेत दिया, जब उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि तृणमूल कांग्रेस द्वारा इस्तेमाल किया गया विकल्प भाजपा के लिए भी खुला था.
घोष ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा, ‘मुख्यमंत्री नंदीग्राम सीट से हार गईं. जब मतगणना चल रही थी, टीएमसी के एजेंट वहां मौजूद थे और हर राउंड के बाद उनलोगों ने नतीजों पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन उसके बाद भी टीएमसी ने कोर्ट का रुख किया. ये उनका अधिकार है. हम सभी को कोर्ट के आदेशों का पालन करना होगा. ठीक इसी तरह से हम भी कोर्ट जा सकते हैं. कुछ सीटें ऐसी हैं जहां भाजपा को मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा है. अदालत को फैसला करने दीजिए.’