Stock Market में जोरदार तेजी, खुलते ही सेंसेक्स 600 अंक से ज्यादा उछला, निफ्टी 17 हजार के पार निकला Strong rise in stock market, Sensex jumped more than 600 points as soon as it opened, Nifty crossed
नई दिल्ली। कारोबारी सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार जोरदार तेजी के साथ खुला है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 600 अंकों की अधिक तेजी के साथ 57,066.24 अंक पर कारोबार कर रहा है। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी 168 अंक उछलकर 17,124 अंक पर कारोबार की शुरुआत की है। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से बाजार में लगातार गिरावट रही है। इससे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
सेंसेक्स में शामिल सभी शेयर हरे निशान में
बाजार में तेजी की वजह से सेंसेक्स के सभी शेयर हरे निशान में कारोबार कर रहे हैं। सेंसेक्स के तीस शेयरों में से टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, एनटीपीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाइटन, आईटीसी, लार्सन एंड टुब्रो और सन फार्मा, फ एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी, कोटक महिंद्रा बैंक, नेस्ले, मारुति सुजुकी और भारती एयरटेल 1 से लेकर 3 फीसदी तक उछलकर कारोबार कर रहे हैं।
वैश्विक बाजार में भी तेजी लौटी
वैश्विक बाजार में तेजी लौटने से आज शेयर बाजार में तेजी देखने को मिल रहा है। सुबह में एसजीएक्स निफ्टी 115 अंक उछलकर कारोबार कर रहा था। इसके साथ ही डाउ जोन्स, एसएंडपी 500 और नैस्डैक में भी तेजी का असर भारतीय बाजार पर हुआ। अमेरिकी बाजारों की बात करें तो यहां दमदार रिकवरी देखने को मिली और डाओ जोंस 240 अंक बढ़कर दिन की ऊंचाई पर बंद हुआ। डाओ जोंस दिन के निचले स्तर से 700 ज्यादा से अंक सुधरा। वहीं, ट्विटर का शेयर 5 फीसदी उछला। वहीं, एशियन मार्केट में हरियाली देखने को मिल रही है।
लगातार दो दिन बड़ी गिरावट रही थी
शेयर बाजार में शुक्रवार और सोमवारा को लगातार दो दिन बड़ी गिरावट रही थी। सोमवार को सेंसेक्स 617 अंक लुढ़ककर बंद हुआ। वैश्विक संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की बाजार से निकासी जारी रहने और डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में गिरावट से बाजार में गिरावट रही थी। जियोजीत फाइनेंशियल के शोध प्रमुख विनोद नायर के अनुसार, कंपनियों के तिमाही नतीजे उम्मीद के अनुरूप नहीं होने, महंगाई को लेकर चिंता, कच्चे तेल की कीमतें में तेजी, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अनिश्चितताएं और आपूर्ति मुद्दों के कारण वैश्विक बाजारों में गिरावट रही।