तेजस्वी यादव की कांग्रेस को खरी-खरी- BJP से सीधे मुकाबले वाली सीटों पर करे फोकस

नई दिल्ली/पटना. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की ओर से इफ्तार दावत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के शामिल होने से बिहार में नए राजनीतिक (Bihar Politics) समीकरणों को लेकर जारी कयासों और चर्चा के बीच नेता विपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा कि इसके राजनीतिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए. तेजस्वी ने कहा कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को टक्कर देने के लिए विपक्षी दलों के गठबंधन की वकालत की. उन्होंने कांग्रेस को नसीहत दी कि उसे उन 200 से अधिक सीटों पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जहां उसका सीधा मुकाबला बीजेपी से है. उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में बीजेपी विरोधी पार्टियां मजबूत ताकत हैं, वहां कांग्रेस को क्षेत्रीय दलों के सामने ‘पीछे हटने’ को भी तैयार रहना चाहिए.
तेजस्वी ने कहा कि आरजेडी उन सभी ताकतों के खिलाफ अपना जंग जारी रखेगा, जिनका झुकाव बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ओर होगा. उन्होंने कहा कि आरजेडी ने कभी भी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से आरएसएस, बीजेपी और उसके सहयोगियों से हाथ नहीं मिलाया और ‘सुविधा की विचारधारा’ से प्रेरित होकर कभी उसने कोई राय नहीं बनाई.
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और कांग्रेस के बीच पार्टी को पुन: खड़ा करने को लेकर जारी मंथनों के दौर पर 32 वर्षीय आरजेडी के नेता ने कहा कि यदि पेशेवरों और मार्केटिंग एजेंसियों की सेवा लेने से कोई चुनाव जीत सकता है तो अमीर लोग पार्टियां बना कर देश पर राज करते. हालांकि, उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस के विवेक पर निर्भर करता है कि वो कैसे पार्टी के भीतर प्रशांत किशोर की भूमिका तय करती है?
CM नीतीश के ‘दावत-ए-इफ्तार’ में शामिल होने का राजनीतिक मतलब नहीं
मुख्यंमत्री नीतीश कुमार के ‘दावत-ए-इफ्तार’ में शामिल होने के बाद जारी सियासी अटकलों और जेडीयू के आरजेडी से फिर जुड़ने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर तेजस्वी ने कहा कि हमारी पार्टी दो से भी अधिक दशकों से इफ्तार और मकर संक्रांति यानी दही चूड़ा का आयोजन करती रही है, और हम हमेशा सभी दलों के वरिष्ठ नेताओं को आमंत्रित करते रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से एक पारंपरिक आयोजन था और इसका एकमात्र संदेश शांति, सद्भाव, भाईचारा और सौहार्द से निकाला जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि हमने शुरू से ही यह स्पष्ट कर दिया था कि इसके बारे में राजनीतिक मायने निकालना उस खास अवसर की महत्ता को कमतर करना होगा. यह पूछे जाने पर बिहार में सरकार बदलने की कहीं कोई कवायद तो नहीं चल रही है. क्योंकि पूर्व में आपने भी कई अवसरों पर कहा है कि नीतीश कुमार भरोसेमंद नहीं है. इस पर तेजस्वी यादव ने कहा कि आरजेडी ही एक ऐसी क्षेत्रीय पार्टी है जिसने कभी अपनी विचारधारा, मूल्यों और सिद्धांतों से समझौता नहीं किया.
नेता विपक्ष ने सीएम नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग और जातिगत जनगणना पर उनकी चुप्पी को पढ़ने के लिए किसी विशेषज्ञ की आवश्यकता नहीं है.
‘बुलडोजर राजनीति’ शब्द का इस्तेमाल नहीं होनी चाहिए
देश में ‘बुलडोजर राजनीति’ के सुर्खियां बनने और पिछले हफ्ते दिल्ली के जहांगीरपुरी और मध्य प्रदेश के खरगोन में चलाए गए अतिक्रमण रोधी अभियानों के बारे में पूछे जाने पर तेजस्वी यादव ने कहा कि इस ‘बुलडोजर राजनीति’ शब्द का इस्तेमाल ही नहीं होना चाहिए और ना इसका महिमामंडन किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि निर्दयतापूर्वक गरीबों, दलितों, अल्पसंख्यकों और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों के घरों और उनकी आजीविकाओं पर बुलडोजर चलाना ना सिर्फ संविधान के विचार को ध्वस्त करना है. बल्कि भारत की आत्मा को भी कुचला जा रहा है. (भाषा से इनपुट)
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