कसीनो, ऑनलाइन जुआ… मेघालय में टूरिस्टों को आकर्षित करने के लिए बड़ी योजनाओं की तैयारी

शिलॉन्ग: पूर्वोत्तर के खूबसूरत राज्य मेघालय (North East State Meghalaya) ने पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कसीनो (Casino), ऑनलाइन जुआ और सामान्य जुआ खेलने के लिए बड़ी योजनाएं तैयार की हैं ताकि राज्य के लिए आवश्यक राजस्व अर्जित किया जा सके. कर विभाग के मंत्री जेम्स पीके संगमा ने कहा कि राज्य सरकार ‘गेमिंग अधिनियम’ लेकर आई है, जिसके बाद गेमिंग नियम 2021 संचालकों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों संस्करणों में कौशल एवं मौके के खेल आयोजित करने के लिए लाइसेंस जारी करने की सुविधा प्रदान करेगा.
संगमा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ”जैसा कि हमने कई राज्यों में देखा है, इस उद्यम का न केवल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व के मामले में बल्कि जीवंत पर्यटन उद्योग से रोजगार के अनेक अवसर पैदा करने के मामलों में भी सकारात्मक प्रभाव है.”
खासी हिल्स तीरंदाजी खेल संघ तीरंदाजी आधारित लॉटरी ”शिलांग तीर” का आयोजन करता है. 12 तीरंदाजी क्लब संगठन का हिस्सा हैं जहां हर दिन 50 तीरंदाज तीर से निशाना साधते हैं. बाजी लगाने वाले लक्ष्य को छूने वाले तीरों की कुल संख्या के अंतिम दो अंकों की भविष्यवाणी करते हैं. वे लोग राज्य भर में 1500 वैध ‘टीर काउंटर’ पर अपना दांव लगा सकते हैं.
कर विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ‘शिलांग तीर’ के माध्यम से वैध सट्टेबाजी ने 2014-15 के दौरान 1.1 करोड़ रुपये और 2018-19 में लगभग दो करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया था. हालांकि, इस बार मेघालय अन्य राज्यों या देशों से आए यात्रियों, पर्यटकों को उनके वैध प्रमाण पत्र जांचने के बाद इन गेमिंग और सट्टेबाजी काउंटर में भाग लेने की अनुमति देगा.
मेघालय तीरंदाजी आधारित जुए को वैध बनाने वाले पहले राज्यों में से एक था, लेकिन अब यह ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से जुए को वैध बनाने वाला पूर्वोत्तर का तीसरा राज्य बन जाएगा. इससे पहले सिक्किम और नगालैंड ने भी विनियमित गेमिंग और सट्टेबाजी व्यवसायों की अनुमति दी है.
यूकेआईबीसी ने राज्य सरकार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा कि मेघालय भारत में गेमिंग के लिए सर्वाधिक अनुकूल राज्य है और यह इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि लॉटरी, पोकर, रम्मी, कसीनो तथा फंतासी खेल यहां अच्छा करेंगे. हालांकि, गेमिंग और सट्टेबाजी के नए नियम राज्य में सभी को पसंद नहीं आए हैं.
नवगठित राजनीतिक संगठन ‘द वॉयस ऑफ द पीपल’ ने कहा कि अधिकतर मेघालयवासियों ने हमेशा किसी भी प्रकार के जुए को एक सामाजिक बुराई के रूप में माना है और कसीनो तथा गेमिंग बार खोलने की अनुमति देने के कदम का विरोध किया है.
पूर्व विधायक और वीपीपी के अध्यक्ष अर्देंट मिलर बसियावमोइट ने कहा, ”राज्य सरकार का प्रदेश में कसीनो खोलने और राज्य को इसके जुए के लिए प्रसिद्ध बनाने का उद्देश्य स्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि हम सभी जानते हैं कि मेघालय के लोगों ने इस तरह के मौके के खेल को कभी स्वीकार नहीं किया है.”
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