SBI-एक्सिस बैंक से लोन लेना हुआ महंगा, महंगाई के बीच बढ़ेगी आपकी होम, कार Loan की ईमएआई SBI Axis Bank Taking loan becomes expensive EMI of your home car loan will increase amid inflation


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Highlights
- एसबीआई ने एमसीएलआर रेट में 10 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी किया
- एक्सिस बैंक ने MCLR में 5 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी का ऐलान किया
- कोई भी बैंक एमसीएलआर दरों के आधार पर ही कर्ज देता है
नई दिल्ली। बढ़ी महंगाई के बीच आपकी ईएमआई का बोझ भी अब बढ़ने वाला है। दरअसल, देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) में 10 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी कर दी है। बढ़ी हुई दरें 15 अप्रैल से प्रभावी हो गई हैं। बैंक के इस फैसले से होम, ऑटो या पर्सनल लोन महंगा होगा जिससे ईएमआई (EMI) बढ़ेगी। इसके साथ ही एक्सिस बैंक ने सोमवार को मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) में 5 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी का ऐलान किया है। बढ़ी हुई दरें 18 अप्रैल से लागू होंगी।
एमसीएलआर में बढ़ोतरी के मायने
कोई भी बैंक एमसीएलआर दरों के आधार पर ही कर्ज देता है। एसबीआई के मुताबिक एक दिन से तीन महीने तक की अवधि के लिए एलसीएलआर की दरें 6.65 फीसदी से बढ़ाकर 6.75 फीसदी कर दी गई हैं। एमसीएलआर में बढ़ोतरी से होम लोन, पर्सनल लोन और ऑटो लोन महंगे हो जाएंगे। साथ ही इससे आपकी किस्त यानी ईएमआई पर भी सीधा असर पड़ेगा। इससे पहले पिछले हफ्ते बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपने एमसीएलआर में (BoB) 0.05 फीसदी बढ़ोतरी की थी जो 12 अप्रैल 2022 से लागू हुई थी।
क्या होता है एमसीएलआर
आरबीआई ने बैंकों को कर्ज देने के लिए 2016 में MCLR सिस्टम लेकर आया था। यह किसी वित्तीय संस्थान यानी बैंक के लिए एक इंटरनल बेंचमार्क है। MCLR प्रोसेस में लोन के लिए मिनिमम ब्याज दर तय की जाती है। MCLR एक न्यूनतम ब्याज दर है, जिस पर बैंक उधार दे सकता है। आम भाषा में कहें तो मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स (MCLR) भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तय की गई एक पद्धति है जो कॉमर्शियल बैंक्स द्वारा ऋण पर ब्याज दर तय करने के लिए इस्तेमाल की जाती है।