JDU के पदाधिकारियों को अल्टीमेटम- रिजल्ट दीजिए नहीं तो पार्टी से होगी छुट्टी

पटना. बिहार में सत्तारूढ़ NDA के प्रमुख घटक दल JDU को संगठन के स्तर पर मजबूत करने की कोशिशें पूरी गंभीरता के साथ शुरू कर दी गई हैं. पार्टी पदाधिकारियों को इस बाबत अल्टीमेटम दे दिया गया है. पार्टी पदाधिकारियों से स्पष्ट शब्दों में कहा गया है कि रिजल्ट दें वरना पार्टी से आपकी छुट्टी कर दी जाएगी. इसके लिए बकायदा पार्टी पदाधिकारियों की रिपोर्ट तैयार होगी और उसके आधार पर ही आकलन किया जाएगा. यदि किसी पदाधिकारी का काम संतोषजनक नहीं पाया जाता है तो उन्हें बाय बोलकर जिम्मेदार पार्टी नेता को संगठन की जिम्मेदारी दी जाएगी. यह कवायद संगठनात्मक स्तर पर पार्टी को मजबूत करते हुए नेटवर्क को मजबूती प्रदान करना है.
जानकारी के अनुसार, JDU में संगठन की मज़बूती को लेकर पहली बार ऐसा हो रहा है जब JDU के किसी पद धारक को हर महीने अपने काम की रिपोर्ट पार्टी दफ़्तर को बताना होगा. अगर उनका काम संतोषजनक रहा तो उन्हें इसका इनाम पार्टी देगी, लेकिन यदि काम संतोषजनक नहीं रहा तो वैसे पदाधिकारियों को संगठन से बाय-बाय कर उनके जगह किसी ज़िम्मेदार पार्टी नेता या कार्यकर्ता को पद दिया जाएगा.
झटके के बाद जागी पार्टी
दरअसल, JDU को जबसे 2020 के विधानसभा चुनाव में झटका लगा है, तब से पार्टी का शीर्ष नेतृत्व लगातार संगठन को मज़बूत करने में जुटा है. साथ ही आने वाले लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव से पहले JDU संगठन और समर्पित कार्यकर्ताओं का इतना मज़बूत नेटवर्क बना लेना चाहता है, जिसका फ़ायदा चुनाव के समय मिल सके.
संगठन की कमजोरी आई थी सामने
JDU संगठन की क़मजोरी 2020 विधानसभा चुनाव में साफ़-साफ़ दिखी थी, जब काग़ज़ में तो जदयू संगठन काफ़ी मज़बूत दिखा था, लेकिन चुनाव के समय संगठन की क़मजोरी की वजह से पार्टी को बड़ा नुक़सान उठाना पड़ा था. इसको देखते हुए JDU अब किसी तरह की कोताही बरतने के मूड में नहीं है. संगठन को मज़बूत करने के साथ-साथ समर्पित कार्यकर्ताओं की फ़ौज तैयार करने की कोशिशें शुरू कर दी गई हैं.
काम का आकलन
JDU के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा कहते है कि पार्टी में जिसे भी पद दिया गया है, उसके काम के आकलन के लिए पार्टी दफ़्तर में टीम बैठी है. यह टीम समय-समय पर पदाधिकारियों की ओर से दी गई जानकारी की जांच करते हैं. संबंधित पदाधिकारियों के काम का आकलन करने के बाद ही उनको लेकर किसी तरह का कदम उठाने पर फैसला लिया जाता है. उमेश कुशवाहा ने बड़ी चेतावनी देते हुए पदाधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी दे दी है कि हर महीने काम का आकलन किया जाएगा और जो पदाधिकारी काम में फ़िट रहेंगे उन्हें ही पार्टी महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी देगी. काम में लापरवाही बरतने वालों को पार्टी बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा. मतलब साफ है- रिजल्ट देंगे तो पार्टी में रहेंगे, नहीं तो छुट्टी तय है.
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