भाजपाई मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को चुनौती दे चुके पूर्व-कांग्रेसी इंद्रनील अब गुजरात में कांग्रेस को ही टक्कर देंगे

गांधीनगर. गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Elections-2022) से पहले कांग्रेस (Congress) को बड़ा झटका लगा है. सौराष्ट्र की राजनीति के दो दिग्गज नेता आम आदमी पार्टी (AAP, Gujarat) में शामिल हो गए हैं. कांग्रेस के पूर्व विधायक इंद्रनील राज्यगुरु (Indranil Rajyaguru) और राजकोट के पार्टी पार्षद वशराम सागठिया आप में शामिल हुए हैं. इनमें से इंद्रनील 2017 में राजकोट-पश्चिम से गुजरात के तत्कालीन भाजपाई मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि अब वे इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव में आप की ओर से कांग्रेस के लिए ही चुनौती पेश करते नजर आएंगे.
आप में शामिल होने के बाद मीडिया के प्रतिनिधियों से इंद्रनील ने कहा, ‘कांग्रेस गुजरात में विकल्प बनने की अपनी क्षमता खो चुकी है. जबकि आप एक बेहतर विकल्प बनकर उभर रही है. मुझे राजनीति के जरिए जनता की सेवा के लिए वर्तमान में आप सबसे बेहतर विकल्प लगी. इसके प्रमुख अरविंद केजरीवाल पार्टी के लिए नहीं, देश के लिए लड़ रहे हैं. वे भारत के आम आदमी के लिए काम करते हैं. इसी बात ने मुझे सबसे अधिक प्रभावित किया है. मैं खुद भी कांग्रेस में रहकर पार्टी के बजाय आम जनता के लिए लड़ता रहा हूं. आप में रहकर भी यही काम करूंगा.’ गौरतलब है कि इससे पहले इंद्रनील ने दिल्ली जाकर आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) से मुलाकात की थी. तब से उनके आप में शामिल होने की चर्चा थी. इसके कुछ दिन पहले उन्होंने भावनगर के कांग्रेस प्रभारी पद से इस्तीफा दिया था. तब से यह कहा जा रहा था कि वे कांग्रेस से नाता तोड़ रहे हैं.
उधर, वशराम सागठिया ने कहा, ‘मैं शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार की दिशा में आप के विचारों तथा उसकी सरकार के कामों से बेहद प्रभावित हुआ हूं. दिल्ली और पंजाब में आप इस दिशा में जिस तरह के काम कर रही है, उसके नतीजे साफ दिख रहे हैं. आप की नीतियों, कार्यों में लूट और भ्रष्टाचार के लिए जगह नहीं है. इसीलिए मैं आग्रह करता हूं कि जो लोग भी अपने क्षेत्र, प्रदेश और देश की प्रगति के बारे में सोचते हैं, वे आगे आकर आप के हाथ मजबूत करें. इस तरह की सोच रखने वाले हर नेता, कार्यकर्ता को आप में शामिल होना चाहिए.’
इंद्रनील के साथ 2018 में 17 पार्षदों ने छोड़ दी थी कांग्रेस
गुजरात कांग्रेस में क्या हैसियत रखते थे, इसका अंदाजा 2017 के उदाहरण से लगाया जा सकता है. वे तब राजकोट-पूर्व से विधायक थे. लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Elections-2017) में कांग्रेस ने उन्हें राजकोट-पश्चित से उम्मीदवार बनाया. भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय रूपाणी (EX CM Vijay Rupani) से मुकाबले के लिए. हालांकि इंद्रनील तब रूपाणी को हरा नहीं सके. लेकिन उनके संघर्ष की चर्चा चौतरफा रही. यही नहीं, उन्होंने 2018 में जब राजकोट कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था, तब भी काफी चर्चा हुई थी क्योंकि उनके साथ 17 स्थानीय पार्षदों ने भी इस्तीफा दे दिया था. हालांकि तब पार्टी ने उन्हें मना लिया था. लेकिन इस बार नहीं मना सकी.
इंद्रनील के साथ 2018 में 17 पार्षदों ने छोड़ दी थी कांग्रेस
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