सिपाही भर्ती-2015: महिला अभ्यर्थी ने दिए थे OBC के दो जाति प्रमाणपत्र, HC ने अपर सचिव को किया तलब
प्रयागराज. सिपाही भर्ती-2015 में महिला अभ्यर्थी को ओबीसी आरक्षण का लाभ न देने पर उच्च न्यायालय ने नाराजगी जताई है. अभ्यर्थी ने दो जाति प्रमाणपत्र दाखिल किए थे जिस कारण उसे ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया. इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की एकल पीठ ने पुलिस भर्ती बोर्ड के अपर सचिव को बुधवार को सुबह साढ़े दस बजे कोर्ट में तलब किया है.
मामला सिपाही भर्ती-2015 की ओबीसी महिला अभ्यर्थी से जुड़ा है. पुलिस भर्ती-2015 की महिला अभ्यर्थी शालू वर्मा ने ऑनलाइन आवेदन में आरक्षण का लाभ लेने के लिए विज्ञापन में दी गई कट ऑफ डेट के भीतर जारी सन् 2016 के ओबीसी प्रमाणपत्र का विवरण भरा था. इसमें दस्तावेजों की संवीक्षा के समय 2016 में जारी ओबीसी प्रमाणपत्र के साथ ही 2014 के एक अन्य ओबीसी जाति प्रमाणपत्र भी दाखिल कर दिया था. इसी याचिका पर सुनवाई न्यायमूर्ति ए. आर. मसूदी कर रहे हैं.
इस मामले में याची के अधिवक्ता सुनील यादव ने बहस करते हुए बताया कि याची ने ओबीसी कट ऑफ मार्क्स 410.6 से ज्यादा 417.1 अंक अर्जित किए थे, लेकिन दस्तावेजों की संवीक्षा के समय दो जाति प्रमाणपत्र दाखिल करने के कारण याची को ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया. इसके बाद उसे अवैधानिक रूप से अचयनित घोषित कर दिया गया.
गलत व भ्रामक जबाबी हलफनामे से नाराज कोर्ट
मामले की सुनवाई के बाद पुलिस भर्ती बोर्ड की ओर से दाखिल गलत व भ्रामक जबाबी हलफनामे से नाराज कोर्ट ने पुलिस भर्ती बोर्ड के अपर सचिव को बुधवार सुबह साढ़े दस बजे कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से तलब कर लिया है.
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