I have 30 years of relationship with Imran Khan, won’t let voting happen: Asad Qaiser | इमरान खान के साथ 30 साल का रिश्ता है, वोटिंग तो नहीं होने दूंगा: स्पीकर असद कैसर


Pakistan PM Imran Khan and speaker of the National Assembly Asad Qaiser.
इस्लामाबाद: पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में शनिवार को प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है। विपक्ष की कोशिश है कि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान जल्द से जल्द हो, जबकि इमरान खान किसी भी तरह मतदान को टलवाना चाहते हैं। इस बीच खबर आई है कि पाकिस्तान नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर ने रविवार को कई घंटे बीत जाने के बावजूद इमरान सके साथ अपने संबंधों की बात करते हुए सदस्यों को अविश्वास प्रस्ताव में वोट डालने की अनुमति देने से इनकार कर दिया।
’30 साल का रिश्ता रहा है, वोटिंग नहीं होने दूंगा’
जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि स्पीकर ने कहा कि चूंकि उनका प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ 30 साल का रिश्ता रहा है, इसलिए वह मतदान नहीं होने दे सकते। इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से बचने के लिए PTI सरकार के कई प्रयासों के बीच उनके भाग्य का फैसला करने के लिए नेशनल असेंबली का ऐतिहासिक सत्र शनिवार को शुरू हुआ। सदन में विपक्ष के नेताओं ने इमरान खान पर जमकर निशाना साधा और जल्द से जल्द वोटिंग कराने की मांग की।
‘इमरान खान पिच से विकेट लेकर भाग रहे हैं’
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने इमरान पर निशाना साधते हुए पद छोड़ने से पहले उनसे ‘कुछ खेल भावना दिखाने’ के लिए कहा। बिलावल ने नेशनल असेंबली में कहा कि इमरान ‘पहले कप्तान हैं जो पिच से विकेट लेकर भाग रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि वह मैच हार जाएंगे।’ खान की गैरमौजूदगी में बिलावल ने कहा, ‘इमरान खान संसद में मौजूद नहीं हैं क्योंकि वह अपना बचाव नहीं कर सकते। संविधान के खिलाफ साजिश सफल नहीं होगी। इमरान की सरकार असेंबली में बहुमत खो चुकी है।’
शहबाज शरीफ ने असद कैसर से कही ये बात
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने सदन के अध्यक्ष से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सत्र आयोजित कराने का अनुरोध किया। शलन असेंबली का सत्र सुबह ठीक साढ़े 10 बजे शुरू हुआ। अध्यक्ष असद कैसर ने कहा कि सदन को इमरान सरकार के खिलाफ कथित ‘विदेशी साजिश’ के बारे में चर्चा करानी चाहिए। हालांकि, उनके इस सुझाव का विपक्षी सदस्यों ने जोरदार विरोध किया। शरीफ ने अध्यक्ष कैसर से कहा कि अगर वह सही रास्ते पर नहीं चलते हैं तो वह अदालत के निर्देशों का उल्लंघन करेंगे।