Russia UNHRC membership cancelled if UNGA resolution passed will india favour russia of help western countries russia ukraine war news| संयुक्त राष्ट्र में आज होगी भारत की अग्निपरीक्षा ! रूस का साथ दे
Highlights
- संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से रूस को निकालने का प्रस्ताव
- रूस के खिलाफ अमेरिका के प्रस्ताव पर आज होगी वोटिंग
नई दिल्ली : रूस-यूक्रेन मसले पर भारत संयुक्त राष्ट्र संघ में लगातार टेस्ट से गुजर रहा है। लेकिन संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के लिए आज का दिन किसी अग्निपरीक्षा के समान है। अमेरिका 47 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से रूस को निकालने का प्रस्ताव लेकर आ रहा है। अमेरिका के इस प्रस्ताव पर आज वोटिंग होनी है। भारत अगर वोटिंग में हिस्सा नहीं लेता है तो उसे भी रूस अपना विरोधी मान लेगा। क्योंकि रूस ने पहले ही यह कह दिया है कि इस वोटिंग से दूर रहनेवाले रूस के विरोधी माने जाएंगे। उधर, इससे पहले रूस के खिलाफ लाए गए प्रस्तावों पर भारत का रुख निष्पक्ष रहा था और उसने वोटिंग में हिस्सा ही नहीं लिया। लेकिन इस बार हालात बिल्कुल अलग है। इस प्रस्ताव पर वोटिंग से हटने पर इसका फायदा पश्चिमी देशों को मिलेगा। इसीलिए रूस ने पहले ही यह कह दिया है कि जो भी देश वोटिंग से हटेगा उसे रूस का विरोधी माना जाएगा।
दरअसल यूक्रेन की राजधानी कीव के उपनगर बुचा से सामने आई नागरिकों के शवों की भयावह तस्वीरों और वीडियो के बाद संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने रूस को 47-सदस्यीय मानवाधिकार परिषद से हटाने का आह्वान किया था। इन कृत्यों की दुनियाभर में निंदा की जा रही है और रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगाने की मांग भी की गई है। हालांकि, रूस ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है।
थॉमस-ग्रीनफील्ड ने सोमवार को कहा था, ‘‘ हमें यकीन है कि रूसी बलों ने यूक्रेन में युद्ध अपराधों को अंजाम दिया है और हमारा मानना है कि इसके लिए रूस की जवाबदेही तय की जानी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मानवाधिकार परिषद में रूस की भागीदारी एक स्वांग है। ’’
महासभा की प्रवक्ता पॉलिना कुबियाक ने बुधवार को बताया कि यूक्रेन पर महासभा का आपातकालीन विशेष सत्र बृहस्पतिवार सुबह 10 बजे (ईडीटी) फिर से शुरू होगा। तभी ‘‘रूसी संघ के मानवाधिकार परिषद में सदस्यता के अधिकारों को निलंबित करने’’ के प्रस्ताव पर मतदान किया जाएगा। भारत संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन मुद्दे पर नौ बार वोटिंग से दूर रहा है। इनमें दो बार महासभा में हुई वोटिंग भी शामिल हैं। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में रूस की तरफ से लाए गए प्रस्ताव पर वोटिंग में भी हिस्सा नहीं लिया। आपको बता दें कि मानवाधिकार परिषद जिनेवा में स्थित है, इसके सदस्य 193-राष्ट्र महासभा द्वारा तीन साल के लिए चुने जाते हैं।
इनपुट-भाषा