‘एक देश एक राशन कार्ड’ के बारे में देश की आधी आबादी को नहीं जानकारी, रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा One Nation One Ration Card big disclosure in the report Half of the country’s population is not aware a


ration card
Highlights
- ‘पोर्टेबिलिटी’ के बारे में जागरूकता फैलाने की जरूरत
- पांच राज्यों में 31% लाभार्थी ओएनओआरसी योजना के बारे जागरूक
- पोर्टेबिलिटी का उपयोग करने वाले 88% परिवार अपना राशन लेने में सफल
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश समेत देश के पांच राज्यों में केवल 48 प्रतिशत लाभार्थी ही राशन कार्ड ‘पोर्टेबिलिटी’ के बारे में जागरूक है। मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, लाभार्थियों के बीच राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी के बारे में अधिक जागरूकता फैलाने की जरूरत है ताकि ‘एक देश एक राशन कार्ड’ (ओएनओआरसी) योजना को अधिक समावेशी बनाया जा सके। सामाजिक प्रभाव सलाहकार समूह ‘डलबर्ग’ ने आंध्र प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में किये गए अध्ययन के आधार पर यह रिपोट जारी की है।
रिपोर्ट के अनुसार, इन पांच राज्यों में 31 फीसदी लाभार्थी आंशिक रूप से ओएनओआरसी योजना के बारे जागरूक है जबकि 20 प्रतिशत लाभार्थी इस योजना के बारे में बहुत ही कम जानते हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत ओएनओआरसी योजना के जरिये राशन कार्ड रखने वाले लाभार्थी देश में किसी भी दुकान से उचित मूल्य पर अपने मासिक कोटे का खाद्यान्न प्राप्त कर सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पोर्टेबिलिटी का उपयोग करने वाले लगभग 88 प्रतिशत परिवार अपना राशन लेने में सफल रहे, जबकि चार प्रतिशत राशन नहीं ले सकें।
वही लेनदेन के विफल होने के कारण 12 प्रतिशत लाभार्थी इस योजना के तहत खाद्यान नहीं खरीद सके। रिपोर्ट में पाया गया कि प्रौद्योगिकी से संबंधित विफलताएं और सार्वजनिक वितरण प्रणाली डीलरों का स्टॉक खत्म होने का डर विफलता के सबसे सामान्य कारणों में से एक था।