सड़क परिवहन मंत्रालय ने सड़क हादसे कम करने के लिए किया नया प्रयोग, विश्व में पहली बार लगे ऐसे बैरियर

नई दिल्ली. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport & Highways) ने सड़क हादसों (road accident) को कम करने के लिए नया प्रयोग किया है. रोलिंग बैरियर रेलिंग सिस्टम (Rolling Barrier Guardrail System) लगाकर सड़क हादसों को कम करने की कोशिश की गई है. विश्व में पहली बार (Worlds innovative) भारत में इस तरह के बैरियर का इस्तेमाल हुआ है. एक्सपर्ट के अनुसार इस तरह के बैरियर पहाड़ी इलाकों में सड़क हादसों को रोकने में मदद करेंगे. पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हिमाचल प्रदेश में इनका प्रयोग हुआ है. सफल होने पर अन्य पहाड़ी इलाकों में भी ये बैरियर लगाए जाएंगे.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय सड़क हादसों को कम करने की लगातार कोशिश कर रहा है. इसके लिए तरह-तरह के प्रयोग किए जा रहे हैं. हाल ही में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने पहाड़ी इलाकों में सड़क हादसों को कम करने के लिए पहली बार रोलिंग बैरियर रेलिंग सिस्टम का प्रयोग किया है. अभी तक क्रैश बैरियर का इस्तेमाल होता था लेकिन पहली बार नए तरह के बैरियर ईजाद कर इस्तेमाल किया जा रहा है.
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इंफ्रास्ट्रक्चर एक्सपर्ट वैभव डांगे ने बताया कि ये बैरियर पहाड़ी इलाकों में मोड़ पर हादसों को रोकने में मदद करेंगे. बैरियर से वाहन टकराने के बाद ये टूटेंगे नहीं, बल्कि वाहन रोड की तरफ आगे बढ़ जाएंगे. बैरियर में लगे रोलर वाहन को सड़क की ओर बढ़ाने में मदद करेंगे. इन बैरियर को हिमाचल प्रदेश के नेशनल हाईवे 907ए में नाहन से कुमारहाट्टी सेक्शन में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लगाया गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सड़क हादसों के प्रति जीरो टॉलरेंस के विजन के अनुरूप केन्द्र सरकार विश्वस्तरीय तकनीक अपनाकर भारत की सड़कों को पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.
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