मछुआरों और मछली पकड़ने वाली नौकाओं को छोड़ें, भारत की श्रीलंका को दो टूक

नई दिल्ली: भारत सरकार (Government of India) ने मांग की है कि इस समय श्रीलंका (Sri Lanka) की हिरासत में मौजूद मछुआरों (Fisherman) और मछली पकड़ने वाली नौकाओं को जल्द से जल्द छोड़ा जाना चाहिए. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस मुद्दे को मत्स्य पालन पर भारत-श्रीलंका संयुक्त कार्य समूह की 5वीं बैठक में उठाया गया, जो मार्च में डिजिटल तरीके से आयोजित की गई थी. दोनों देश मछुआरों से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए सहयोग करना और बातचीत में शामिल होना जारी रखेंगे.
बयान में कहा गया कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय में मत्स्य पालन विभाग के सचिव जतिंद्र नाथ स्वैन ने किया. भारतीय प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों में मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, तमिलनाडु सरकार, पुडुचेरी सरकार, भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल थे.
श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व श्रीलंका सरकार के मत्स्य पालन मंत्रालय की सचिव आर.एम.आई. रत्नायके ने की. बयान में कहा गया, ‘‘संयुक्त कार्य समूह ने मछुआरों व मछली पकड़ने वाली नौकाओं से संबंधित चिंताओं सहित उन सभी प्रासंगिक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की, जो कई वर्षों से भारत और श्रीलंका के बीच द्विपक्षीय वार्ता के एजेंडे में रहे हैं.’’
स्वैन ने कहा कि भारतीय पक्ष हमेशा मछुआरों और उनकी आजीविका से संबंधित मुद्दों को मानवीय तरीके से समाधान करने के लिए रचनात्मक रूप से श्रीलंकाई पक्ष के साथ काम करने को लेकर प्रतिबद्ध है. इसके अलावा उन्होंने वर्तमान में श्रीलंकाई हिरासत में रखे गए भारतीय मछुआरों और नौकाओं की शीघ्र रिहाई का मुद्दा भी उठाया.
भारतीय पक्ष ने खाड़ी मत्स्य पालन की उत्पादकता बढ़ाने को लेकर संयुक्त अनुसंधान के लिए श्रीलंका के साथ मिलकर काम करने की इच्छा व्यक्त की. दोनों पक्षों ने गश्ती में दोनों देशों की नौसेना और तटरक्षक बल के बीच सहयोग, अवैध शिकार पर निगरानी करने में सहयोग पर भी चर्चा की.
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