Russia Ukraine War: Zelenskyy faces huge blow, Hungary refused demand to supply arms | यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को झटका, हंगरी ने हथियारों की आपूर्ति करने की मांग ठुकराई


Ukrainian President Volodymyr Zelenskyy delivers his speech addressing the nation in Kyiv, Ukraine.
Highlights
- हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान ने सोशल मीडिया पर डाले गए एक वीडियो जारी किया।
- रूस से प्राप्त होने वाली ऊर्जा पर प्रतिबंध लगाने का अर्थ होगा कि ‘हंगरी की अर्थव्यवस्था धीमी हो जाएगी: ओरबान
- जेलेंस्की ने गुरुवार को ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के नेताओं की एक बैठक में विशेष रूप से ओरबान को संबोधित किया था।
बुडापेस्ट: हंगरी के प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की उस भावनात्मक अपील को ठुकरा दिया जिसमें उन्होंने यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति करने और रूस के ऊर्जा क्षेत्र पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान ने सोशल मीडिया पर डाले गए एक वीडियो में कहा कि जेलेंस्की का अनुरोध ‘हंगरी के हितों के विरुद्ध है’ और रूस से प्राप्त होने वाली ऊर्जा पर प्रतिबंध लगाने का अर्थ होगा कि ‘हंगरी की अर्थव्यवस्था धीमी हो जाएगी और कुछ समय में समाप्त हो जाएगी।’
हंगरी ने यूक्रेन को हथियार देने से मना किया
जेलेंस्की ने गुरुवार को ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के नेताओं की एक बैठक में विशेष रूप से ओरबान को संबोधित किया था जिन्हें EU में, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का सबसे करीबी सहयोगी माना जाता है। जेलेंस्की ने कहा था, ‘सुनिए विक्टर, आपको पता है मारियुपोल में क्या हो रहा है? मैं यह खुलकर कहना चाहता हूं कि आपको अपने लिए तय करना होगा कि आप किस तरफ हैं।’ हंगरी ने अपने पड़ोसी यूक्रेन को हथियार देने से मना कर दिया है और अपनी सीमा से होकर यूक्रेन तक हथियार पहुंचाने पर भी रोक लगाई है।
रूस से आती है हंगरी की उर्जा जरूरतों की सप्लाई
ओरबान ने शुक्रवार को कहा कि हंगरी की गैस की जरूरत का 85 प्रतिशत हिस्सा और तेल का 60 प्रतिशत से ज्यादा रूस से आता है और रूस से मिलने वाले ईंधन को रोकने का अर्थ होगा कि युद्ध की कीमत हंगरी के लोगों को चुकानी पड़ेगी। इस बीच यूक्रेन ने आरोप लगाया है कि हजारों यूक्रेनी नागरिकों को बलपूर्वक रूस ले जाया जा रहा है, जहां उन्हें ‘बंधक’ बनाकर यूक्रेन पर हथियार डालने का दबाव बनाया जा सकता है। यूक्रेन की लोकपाल ल्यूडमिला डेनिसोवा ने कहा कि 84 हजार बच्चों समेत कुल 4,02,000 लोगों को उनकी मर्जी के खिलाफ यहां से ले जाया जा चुका है।
रूस ने भी स्वीकार की लोगों को ले जाने की बात
रूस ने भी इतने लोगों को ले जाने की बात स्वीकार की है, लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि वे रूस जाना चाहते थे। यूक्रेन के विद्रोहियों के नियंत्रण वाले पूर्वी क्षेत्रों में रूसी भाषा बोलने वालों की अच्छी खासी तादाद है। और कई लोग रूस के साथ करीबी संबंधों का समर्थन करते हैं। गौरतलब है कि 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन के खिलाफ सैन्य हमले शुरू किए जो अब तक जारी हैं। हमलों की वजह से यूक्रेन में जान माल का भारी नुकसान हुआ है और उसके कई शहर तबाह हो चुके हैं।