चीनी विदेश मंत्री से बोले अजीत डोभाल- बॉर्डर से सेना हटाओ, तभी आगे बढ़ेगी बात

नई दिल्ली. चीनी विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) आज से भारत दौरे पर हैं. इस दौरान भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (National Security Adviser Ajit Doval) ने चीन के विदेश मंत्री को साफ लहजे में कह दिया है कि जब तक वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control -LAC) से चीनी सेना नहीं हटाई जाएगी, तब तक दोनों देशों के बीच कोई बात नहीं हो सकती. डेढ़ घंटे तक चली इस बातचीत के दौरान भारत ने कहा है बॉर्डर क्षेत्र के बचे हुए इलाके में जल्द और पूरी तरह से सेना को हटाए जाने की जरूरत है, ताकि द्विपक्षीय संबंध स्वाभाविक रास्ते पर आ सकें.
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, भारत ने शांति की बहाली के लिए राजनयिक, सैन्य स्तर पर सकारात्मक बातचीत जारी रखने की जरूरत पर जोर दिया है. अजीत डोभाल ने वांग यी से कहा है कि सुनिश्चित किया जाए कि कार्रवाई समान और परस्पर सुरक्षा की भावना का उल्लंघन नहीं करती है. एक ही दिशा में काम करें और बकाया मुद्दों को जल्द से जल्द सुलझाएं.
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#WATCH | Chinese Foreign Minister Wang Yi meets External Affairs Minister S Jaishankar for delegation-level talks in Delhi pic.twitter.com/Xv3MoFhFWE
— ANI (@ANI) March 25, 2022
अजीत डोभाल को मिला चीन आने का न्योता
इस बीच चीन के विदेश मंत्री ने अजीत डोभाल से बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए चीन का दौरा करने का न्योता दिया है. इसपर डोभाल ने सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह तत्काल मुद्दों को सफलतापूर्वक हल करने के बाद चीन की यात्रा कर सकते हैं.
डोभाल ने यह भी कहा कि मौजूदा हालात किसी के भी हित में नहीं हैं और शांति से ही दोनों का एक दूसरे के प्रति विश्वास जागेगा.
2020 में दोनों ने की थी लंबी बातचीत
अजीत डोभाल और वांग यी ने पूर्वी लद्दाख में तनाव को कम करने को लेकर जुलाई 2020 में फोन पर लंबी बातचीत की थी. भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में गतिरोध का हल निकालने के लिए उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता भी कर रहे हैं. दोनों पक्षों ने बातचीत के बाद कुछ स्थानों से अपने सैनिक वापस भी बुलाए हैं.
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11 मार्च को हुई थी 15वें दौर की बात
बता दें कि पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में लंबित मुद्दों को हल करने के लिए 11 मार्च को भारत और चीन के बीच 15वें दौर की उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता हुई थी. हालांकि, वार्ता में कोई समाधान नहीं निकल पाया था.
15 जून 2020 को गलवान में हुई थी हिंसा
आपको बता दें कि पैंगोंग झील के इलाकों में भारत और चीन की सेनाओं के बीच विवाद के बाद पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून, 2020 को हिंसक संघर्ष से तनाव बढ़ गया था. इसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. चीन के कई सैनिक भी मारे गए थे. चीन के भी 35 सैनिकों के मारे जाने की खबरें अंतरराष्ट्रीय मीडिया में थी. हालांकि, चीन ने आधिकारिक तौर पर अपने मारे गए सैनिकों की संख्या सिर्फ 4 बताई है.
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