The Kashmir Files: कोटा में धारा-144 लगाने पर मचा बवाल, गहलोत सरकार ने अब उठाया ये बड़ा कदम

जयपुर. ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) पर राजस्थान की कोचिंग सिटी कोटा (Coaching City Kota) में धारा-144 लागू करने से देशभर में सियासी बवाल (Political ruckus) शुरू हो गया है। इस पर गहलोत सरकार (Gehlot Sarkar) ने इसे लेकर नया कदम उठाया है. अब कोटा में दर्शक धारा-144 के लागू रहने के बावजूद ‘द कश्मीर फाइल्स’ मूवी देख सकेंगे. लेकिन सिनेमाघरों से बाहर निकलने के बाद धारा-144 (Section-144) का पालना करना होगा. कोटा के एडीएम राजकुमार सिंह ने कहा कि इस फिल्म को देखने के बाद दर्शक भावुक हो जाते हैं. बाहर आकर माहौल खराब न करे इसलिए धारा-144 लागू की थी.
बीजेपी का आरोप है कि देशभर में फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ की लोकप्रियता के बाद गहलोत सरकार का इसे रोकने का ये षडयंत्र है. बीजेपी का कहना है कि धारा-144 के लागू करने से दर्शक भयभीत हो जाएंगे. फिल्म देखने के लिये सिनेमाघर जाने से डरेंगे. भले ही फिल्म को देखने पर रोक न हो लेकिन धारा-144 के तहत पांच या इससे अधिक व्यक्तियों के इकट्ठा होने पर रोक के चलते पुलिस को दर्शकों को परेशान करने का हथियार मिल गया.
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विवेक अग्निहोत्री ने किया ट्वीट
इससे पहले फिल्म के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने एक ट्वीट कर सूचना एवं प्रासरण मंत्री अनुराग ठाकुर और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पूछा कि क्या लोगों के फिल्म के देखने के अधिकार पर राज्य का कुठाराघात नहीं. इससे क्या आंतकियों के डर के मंसूबे पूरे नहीं होंगे. सोमवार शाम को कोटा में एक महीने के लिए धारा-144 लागू करने का आदेश जारी किया गया था.
धारा-144 की यह बताई गई है वजह
इस आदेश के मुताबिक सार्वजनिक स्थलों पर पांच या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर पांबदी रहेगी. कोटा जिला प्रशासन की ओर से धारा-144 लागू करने के लिए जिन वजह को गिनाया गया है उनमें सबसे बड़ी वजह फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को बताया गया है. आदेश में कहा गया फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर कानून व्यवस्था बनाए रखने और भीड़ को इकट्ठा होने से रोकने के लिए धारा-144 लागू की जा रही है. हालांकि चेटीचंड और महावीर जंयती जैसे त्यौहार और चंबल नदी के किनारे पर स्नान के दौरान दुर्घटनाओं को रोकने के लिये भी धारा-144 लागू करने की एक और वजह बताया जा रहा है.
राम दरबार वाले द्वार का मामला भी गरमाया हुआ है
दूसरी तरफ बीजेपी ने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के खिलाफ ‘चंडी मार्च’ निकालकर कोटा में धारा-144 को तोड़ा. बीजेपी का आरोप है कि चंडी मार्च को रोकने के लिए गहलोत सरकार ने कोटा में ‘द कश्मीर फाइल्स’ को बहाना बनाकर धारा-144 लगा दी ताकि प्रदर्शन न हो सके. पिछले एक सप्ताह में ये दूसरा मौका है जब दो कारणों से गहलोत सरकार पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगे हैं. इससे पहले चूरू जिले में सालासर-सुजानगढ़ मार्ग को चौड़ा करने के लिये वहां राम दरबार लगे प्रवेशद्वार को बुलडोजर से गिराने पर भी जमकर बवाल हुआ था.
गहलोत के मंत्री धारीवाल के खिलाफ निकाला जा रहा है चंडी मार्च
उल्लेखनीय है कि कोटा में बीजेपी के पूर्व विधायक प्रह्लाद गुंजल के नेतृत्व में चंडी मार्च निकाला जा रहा है. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के विधानसभा में दिए गए मर्दों के प्रदेश वाले बयान के विरोध में यह चंडी मार्च निकाला जा रहा है. इस मार्च में कोटा में लगी धारा-144 की जमकर धज्जियां उड़ाई गई. इस मार्च के जरिये धारीवाल के इस्तीफे की मांग की जा रही है.
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