Fuel crisis deepens in Sri Lanka, army deployed to control people at petrol pumps | श्रीलंका में गहराया ईंधन संकट, पेट्रोल पंपों पर लोगों को नियंत्रित करने के लिए सेना तैनात


Sri Lankans gather to buy fuel at a fuel pump in Colombo, Sri Lanka, Thursday, March 3, 2022.
Highlights
- श्रीलंका में ईंधन की कमी के चलते पेट्रोल पंपों पर लोगों की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं।
- विदेशी विनिमय की कमी के कारण देश में भारी आर्थिक तथा ऊर्जा संकट पैदा हो गया है।
- ईंधन की कमी की वजह से लोगों को पेट्रोल पंपों पर खड़े रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
कोलंबो: श्रीलंका में ईंधन की कमी के चलते पेट्रोल पंपों पर लोगों की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं। हालात किस कदर बिगड़ चुके हैं इसका अंदाजा सिर्फ इसी बात से लगाया जा सकता है कि ईंधन के वितरण के प्रबंधन तथा निगरानी के लिए मंगलवार को पेट्रोल पंपों पर सेना को तैनात करना पड़ा। विदेशी विनिमय की कमी के कारण देश में भारी आर्थिक तथा ऊर्जा संकट पैदा हो गया है। आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में अचानक से वृद्धि होने और ईंधन की कमी की वजह से हजारों लोगों को घंटों तक पेट्रोल पंपों पर खड़े रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
कई घंटों तक बिजली कटौती से भी परेशानी
जनता को हो रही दिक्कतें सिर्फ ईंधन की कमी तक ही सीमित नहीं हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईंधन की कमी के आलावा देश के लोगों को प्रतिदिन कई घंटों तक बिजली कटौती का भी सामना करना पड़ रहा है। मंगलवार सुबह,निहत्थे सैनिकों को सरकारी कंपनी सेलोन पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन द्वारा संचालित पंपों पर लोगों को नियंत्रित करते देखा गया। ऊर्जा मंत्री गामिनी लोकुगे ने कहा, ‘हमने पेट्रोल पंपों पर सैन्य कर्मियों को तैनात करने का निर्णय लिया है ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके क्योंकि लोग व्यापार करने के लिए कैन में ईंधन ले जा रहे हैं।’
भारत ने दिया हजारों करोड़ रुपये का कर्ज
लोकुगे ने कहा, ‘वे (सैनिक) यह सुनिश्चित करेंगे कि लोगों में ईंधन का उचित तरीके से वितरण किया जाए।’ इस बीच ईंधन के लिए कतार में लगे लोगों में से अब तक 4 की मौत की खबर आई है। विदेशी विनिमय संकट की वजह से ईंधन, रसोई गैस और अन्य आवश्यक वस्तुओं का आयात रुक गया है। श्रीलंका सरकार ने भारत से कर्ज की मदद मांगी थी जिसके बाद पिछले सप्ताह भारत ने आर्थिक संकट से उबरने के वास्ते एक अरब डॉलर (लगभग 28,500 करोड़ श्रीलंकाई रुपये) का ऋण दिया था।