यूपी चुनाव में समाजवादी पार्टी का सोशल मीडिया दांव चल नहीं पाया

ममता त्रिपाठी
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने सोशल मीडिया ( Social Media ) का प्रयोग तो जमकर किया लेकिन यह दांव चल नहीं पाया. सोशल मीडिया पर गलत जानकारी और गलत तथ्यों के कारण पार्टी को कभी ट्वीट डिलीट करना पड़ा तो कभी जनता ने उसे बुरी तरह से ट्रोल कर दिया. लोगों का कहना है कि समाजवादी पार्टी ने सोशल मीडिया का सहारा इसलिए लिया था कि वे अपनी बात जनमानस तक पहुंचा सकें और योगी सरकार को कटघरे में खड़ा कर सकें, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. इसके पीछे कभी जल्दबाजी ने काम बिगाड़ा तो कभी गलत तथ्यों ने.
सोशल मीडिया पर समाजवादी पार्टी ने कई बार गलतियां की. कभी शायराना अंदाज में तो कभी तल्ख होकर सरकार पर हमला बोलने की कोशिश की. इस बीच प्रतापगढ़ में चुनाव धांधली को लेकर अखिलेश यादव ने अपने निजी ट्वीटर हैंडल से 2019 के हरियाणा चुनाव का एक वीडियो पोस्ट कर दिया था और उसे प्रतापगढ़ का बताया. इस बारे में जब राजा भइया ने ट्वीटर के जरिए सच्चाई बताई और तमाम फैक्ट सामने आ गए तब मजबूरन अखिलेश यादव को अपना ट्वीट डिलीट करना पड़ा, लेकिन इससे नुकसान तो हो चुका था.
वहीं अखिलेश यादव ने एक पुराने अखबार की कटिंग लगाकर लिखा था कि ये भाजपा सरकार की नाकामी के तमगे हैं….. मगर जब लोगों ने अखिलेश यादव के ट्वीट को ट्रोल करना शुरू कर दिया तो समझ में आया कि कहीं गलती हो गई है. दरअसल उन्होंने जिस एमपीआई सूचकांक का जिक्र किया था वो रिपोर्ट 2021 में आई जरूर थी और NFHS-4 के आंकड़ों पर आधारित थी. ये आंकड़े नीति आयोग ने साल 2015-2016 में राज्यों से लिए थे जिसके आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई. आपको बता दें कि 2012-2017 तक अखिलेश यादव ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे.
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