सीमापार आतंकवाद-घुसपैठ पर लगेगी लगाम, मोदी सरकार की बड़ी तैयारी- बॉर्डर इलाकों में 7 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट्स पर काम जारी

नई दिल्ली: भारत में सीमा पार आतंकवाद (Cross-border Terrorism), घुसपैठ और तस्करी चिंता का एक बड़ा कारण रहा है. इस समस्या को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार (Modi Government) ने देश की 5 बड़ी बॉर्डर के इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़े परिवर्तन करने के लिए साल 2020 से लगातार काम कर रही है और अब तक कुल 7 हजार करोड़ रुपए इस पर खर्च किए जा चुके हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने बॉर्डर पर चल रहे अलग-अलग निर्माण कार्य और प्रोजेक्ट की जानकारी संसद को दी. इसके अलावा बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े नए प्रोजेक्ट की शुरुआत विशेष फंड से की गई है.
केंद्र सरकार ने 2020 में 12,434.90 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से भारत-चीन सीमा सड़क (ICBR)-II के तहत 32 सड़कों निर्माण को मंजूरी दी, जिसकी लंबाई 683.12 किमी है. 8 सड़कों पर काम शुरू हो गया है और 18 अन्य सड़कों के लिए भूमि अधिग्रहण और अन्य वैधानिक मंजूरी प्राप्त कर ली गई है जबकि 14 के लिए प्रयास जारी है.
ठीक इसी प्रकार, अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सरकार ने 2020 में 18 फुट की पटरियों (फुट सस्पेंशन ब्रिज, लॉग ब्रिज और स्टेजिंग कैंप समेत) के निर्माण को मंजूरी दी, जिसकी लंबाई 598.27 किमी है. इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 1,162.19 करोड़ रुपये है. इस प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण और अन्य वैधानिक मंजूरी को लेकर प्रयास जारी हैं.
चीन से लगी सीमा पर 10 हजार किमी लंबी सड़कें
चीन से लगी सीमाओं पर केंद्र सरकार ने एक परियोजना शुरू की जिसके तहत 25 ICBR-I सड़कों का निर्माण किया जाएगा. ये सड़कें राज्य के अन्य हिस्सों से सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ेगी जिससे बॉर्डर पर आवागमन और अधिक सुगम हो सकेगा. इसी तरह 32 ICBR-II सड़कों का निर्माण भी जारी है. इन परियोजना के तहत चीन से लगी सीमा पर 10,000 किलोमीटर की कुल 177 सड़कों का निर्माण होगा.
तकनीक से लैस होगी भारत-पाकिस्तान बॉर्डर
पाकिस्तान से जुड़ी सीमाओं पर घुसपैठ और आतंकवाद एक बड़ा मुद्दा रहा है और इसको ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने भारत-पाक सीमा पर बड़े पैमाने पर विकास कार्य करने की योजना बनाई है. इसके तहत अगले 2 वर्षों में बॉर्डर पर फेंसिंग लगाने और सड़क कार्यों के निर्माण को बढ़ाने की योजना है.
गृह मंत्रालय पाकिस्तान से सटी सीमाओं पर फ्लड लाइट लगाने के काम पर भी नजर रख रहा है ताकि सैनिक रात में संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रख सकें. इसके तहत एक बड़े क्षेत्र को पहले ही कवर किया जा चुका है.
एक अन्य महत्वपूर्ण विकास परियोजना के तहत पंजाब और राजस्थान में लेटरल और एक्सियल रोड का निर्माण है. इन इलाकों में गृह मंत्रालय एंटी-ड्रोन तकनीक, थर्मल इमेजिंग, मूवमेंट सेंसर जैसी टेक्नोलॉजी को तैनात करने की तैयारी में है.
वहीं भारत-नेपाल,भूटान, म्यांमार और बांग्लादेश से सटी सीमाओं पर भी निर्माण कार्य कर रही है. केंद्र सरकार भारत-नेपाल सीमा पर बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 1,377 किलोमीटर लंबे सड़क नेटवर्क का निर्माण कर रही है.
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