Considering sending bail orders in electronic form to jails: Supreme Court-इलेक्ट्रॉनिक रूप में जमानत आदेशों को जेलों में भेजने पर विचार: सुप्रीम कोर्ट– News18 Hindi

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम टेक्नोलॉजी के दौर में जी रहे हैं. हम एक प्रणाली पर विचार कर रहे हैं जिसका उद्देश्य कोर्ट के सभी आदेश जेल के संबंधित अधिकारियों को बिना किसी देरी के पहुंचना है. जस्टिस रमण ने कहा कि यह सुरक्षित मार्ग द्वारा न्यायालय के आदेश प्रति भेजने के लिए है. यह सुरक्षा का ख्याल रखेगा. सुप्रीम कोर्ट ने अपने सेक्रेटरी जनरल को निर्देश दिया है कि इस योजना को फ्रेम करें और हमारे सामने प्रस्तुत करें. सुप्रीम कोर्ट ने सेक्रेटरी जनरल से सॉलिसिटर तुषार मेहता और एमिकस क्यूरी से भी विचार विमर्श करने को कहा.
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सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से भी जेल में इंटरनेट कनेक्टिविटी को लेकर रिपोर्ट मांगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह जानना चाहता है कि सभी जिलों में इंटरनेट का कनेक्शन है या नहीं. राज्यों को बताना होगा कि कितनी जेलों में इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं है.
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को जमानत मिलने पर रिहाई में देरी को लेकर स्वत: संज्ञान लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने 8 जुलाई को आगरा सेंट्रल जेल में बंद 13 दोषियों को तत्काल अंतरिम जमानत दी थी, लेकिन दोषी जेल से बाहर नहीं आ पाए. आगरा जेल के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रमाणित प्रति डाक से नहीं मिली है. अपराध करने के समय किशोर होने के बावजूद दोषियों ने 14 से 20 साल जेल में बिताए थे.
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