IND vs SL: Virat Kohli showed his strength in the nets before the 100th Test, captain Rohit Sharma also practiced fiercely/ विराट कोहली ने 100वें टेस्ट से पहले नेट्स में दिखाया दम, कप्तान रोहित शर्मा


Virat Kohli
Highlights
- विराट कोहली ने अपने 100वें टेस्ट की तैयारियों के लिये पीसीए स्टेडियम में नेट पर जमकर अभ्यास किया
- रोहित ने करीब 45 मिनट तक बल्लेबाजी करने के बाद टीम के अभ्यास की निगरानी भी की
पूर्व भारतीय कप्तान विराट कोहली ने अपने 100वें टेस्ट की तैयारियों के लिये पीसीए स्टेडियम में नेट पर जमकर अभ्यास किया और उनके साथ ही कप्तान रोहित शर्मा ने भी बल्लेबाजी की। दोनों स्टार खिलाड़ियों ने कई कई बार अलग-अलग नेट – थ्रोडाउन, स्पिनरों के, तेज गेंदबाजों के और नेट गेंदबाजों के खिलाफ – पर बल्लेबाजी की।
रोहित ने जहां मोहम्मद शमी की गेंदों पर शॉट खेले तो वहीं कोहली ने अपने 100वें टेस्ट से 48 घंटे पहले मोहम्मद सिराज की गेंदों पर कवर ड्राइव लगाये। दोनों ने अलग अलग समय अलग नेट पर बल्लेबाजी की। एक समय उप कप्तान रहे रोहित 30 गज की दूरी से पूर्व कप्तान कोहली के अभ्यास पर भी नजर लगाये थे। रोहित ने करीब 45 मिनट तक बल्लेबाजी करने के बाद टीम के अभ्यास की निगरानी भी की।
यह भी पढ़ें- IPL 2022: सीएसके को लग सकता है बड़ा झटका, टूर्नामेंट के शुरुआती हिस्से से बाहर हो सकते हैं दीपक चाहर
इस दौरान वह दो बार बायें हाथ के स्पिनर सौरभ कुमार पर शॉट लगाते दिखे। जब वह बल्लेबाजी कर रहे थे तो कोहली बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ और रविंद्र जडेजा के साथ बातचीत कर रहे थे जिसमें उनके बीच हंसकर बातें हो रही थीं जिससे दिख रहा था कि वह काफी ‘रिलैक्स’ हैं और 100वें टेस्ट को लेकर कोई दबाव नहीं है।
रोहित ने अभ्यास के दौरान जसप्रीत बुमराह की कुछ गेंदों को और मोहम्मद शमी की ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंदों को छोड़ा भी। टेस्ट मैच से पहले कोहली की तैयारी कैसी है? इस पर सुनील गावस्कर के खेल के दिनों के बयान का जिक्र किया जा सकता है जिसमें उन्होंने कहा है, ‘‘जब मैं नेट पर अच्छी बल्लेबाजी नहीं करता था तो मैं टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन करता था। ’’
यह भी पढ़ें- Davis Cup 2022: रामकुमार रामनाथन को डेनमार्क से कड़ी चुनौती मिलने की उम्मीद, ग्रास कोर्ट पर भारत को मिलेगा फायदा
रोहित ने अभ्यास सत्र के दौरान थ्रोडाउन विशेषज्ञों और स्पिनरों के खिलाफ कई सत्र किये जो साफ संकेत था कि वह टेस्ट में महज कप्तान नहीं बल्कि नेतृत्वकर्ता बनना चाहते हैं जो खिलाड़ियों के लिये उदाहरण पेश करने में भरोसा रखते हैं।