Russia Ukraine News : UN calls Russia’s decision violation of Ukraine’s territorial integrity| संयुक्त राष्ट्र ने रूस के फैसले को यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन बताया


UN Chief Antonio Guterres
संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने यूक्रेन के दोनेत्स्क और लुहांस्क क्षेत्रों की ‘‘स्वतंत्रता’’ को मान्यता देने के रूस के फैसले पर सोमवार को गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि मॉस्को का फैसला यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुत्ता का ‘‘उल्लंघन’’ है तथा संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के सिद्धांतों के विरुद्ध है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ‘‘दोनेत्स्क और लुहांस्क गणराज्यों’’ की ‘‘स्वतंत्रता’’ को मान्यता देने के आदेश पर हस्ताक्षर किए।
अमेरिका ने इस कदम की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह फैसला मिंस्क समझौतों के तहत रूस की प्रतिबद्धताओं को ‘‘पूरी तरह खारिज’’ करता है और रूस के इस दावे के विरोधी है कि वह कूटनीति के लिए प्रतिबद्ध है। अमेरिका ने कहा कि यह यूक्रेन की संप्रभुत्ता और क्षेत्रीय अखंडता पर साफ तौर पर हमला है। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के प्रवक्ता द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, गुतारेस, यूक्रेन के दोनेत्स्क और लुहांस्क क्षेत्रों के कुछ इलाकों के दर्जे से संबंधित रूसी संघ के फैसले से चिंतित हैं।
इसमें कहा गया है, ‘‘गुतारेस मिंस्क समझौतों के अनुसार पूर्वी यूक्रेन में संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान करते हैं।’’ इसमें कहा गया है कि गुतारेस रूसी संघ के फैसले को यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुत्ता का उल्लंघन मानते हैं तथा संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के सिद्धांतों के विरुद्ध मानते हैं। पुतिन के फैसले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार रात को यूक्रेन पर एक आपात बैठक बुलायी। इस महीने सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता रूस के पास है।
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं जिससे अमेरिकी लोगों द्वारा यूक्रेन के तथाकथित ‘‘दोनेत्स्क और लुहांस्क गणराज्यों’’ वाले क्षेत्रों में सभी नए निवेश, व्यापार और वित्त पोषण पर रोक लग जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम यूक्रेन और अपने सहयोगियों तथा साझेदारों के साथ समन्वय करते रहेंगे, ताकि रूस की बिना उकसावे वाली और अस्वीकार्य कार्रवाई के जवाब में उचित कदम उठाए जा सकें।’’ ब्लिंकन ने कहा, ‘‘रूस का फैसला अंतरराष्ट्रीय कानून और नियमों का राष्ट्रपति पुतिन द्वारा घोर उल्लंघन करने का एक और उदाहरण है।’’