China furious QUAD of India, United States, Australia and Japan, gave a big statement | भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के QUAD पर बुरी तरह भड़का चीन, दिया बड़ा बयान


China Foreign Ministry Spokesman Zhao Lijian.
बीजिंग: QUAD देशों के विदेश मंत्रियों की शुक्रवार को होने जा रही बैठक से पहले चीन ने बुधवार को कहा कि वह गठबंधनों के बीच टकराव पैदा करने के लिए ‘विशेष गठबंधन’ बनाने के खिलाफ है। चीन ने गठबंधन पर भड़कते हुए कहा कि 4 देशों के इस गठबंधन को क्षेत्रीय देशों के बीच दरार डालना बंद करना चाहिए। नवंबर 2017 में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान ने क्वॉड की स्थापना के लंबित प्रस्ताव को आकार दिया था, जिसका मकसद सामरिक रूप से अहम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य मौजूदगी के बीच प्रमुख समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के लिए एक नई रणनीति विकसित करना था।
‘चीन इस विशेष गठबंधन के खिलाफ है’
चीनी विदेश मंत्रालाय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, ‘चीन गठबंधनों के बीच टकराव पैदा करने के लिए ‘विशेष गठबंधन’ बनाने के खिलाफ हैं।’ वह मेलबर्न में शुक्रवार को क्वाड के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक से जुड़े एक सवाल का जवाब दे रहे थे। लिजियान ने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि अमेरिका और संबंधित देश स्थिति की स्पष्ट तस्वीर प्राप्त कर सकें, आराम महसूस कर सकें, शीत युद्ध की मानसिकता को त्याग पाएं, क्षेत्रीय देशों के बीच दरार डालना बंद करें और क्षेत्र में शांति, स्थिरता एवं समृद्धि सुनिश्चित करने में योगदान दें।’
11 फरवरी को QUAD के विदेश मंत्रियों की बैठक
विदेश मंत्री एस जयशंकर 11 फरवरी को मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के अपने समकक्षों के साथ QUAD देशों के विदेश मंत्रियों की चौथी बैठक में हिस्सा लेंगे। अमेरिका के उपमंत्री डैनियल जे क्रिटेनब्रिंक की उस कथित टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर, जिसमें उन्होंने कहा था कि मेलबर्न में क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में चीन द्वारा लोकतांत्रिक मूल्यों और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए पैदा चुनौतियों से निपटने के तरीकों पर चर्चा की जाएगी, लिजियान ने अमेरिका पर निशाना साधते हुए लोकतंत्र के रूप में उसकी साख पर सवाल उठाए।
‘लोकतंत्र मानवता का एक सामान्य मूल्य है’
लिजियान ने कहा, ‘लोकतंत्र मानवता का एक सामान्य मूल्य है, न कि कुछ देशों द्वारा हासिल किया गया पेटेंट। कोई देश लोकतांत्रिक है या नहीं, इसका फैसला उसके अपने लोगों को ही करना चाहिए। अमेरिका एक लोकतंत्र के रूप में अपनी प्रतिष्ठा बहुत पहले ही खो चुका है। लेकिन, वह अब भी अन्य देशों को अमेरिकी शैली के लोकतांत्रिक मानकों को स्वीकार करने के लिए मजबूर करने की कोशिश कर रहा है।’ चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘अमेरिका लोकतांत्रिक मूल्यों के नाम पर एक रेखा खींच रहा है और छोटे-छोटे गुटों को एक साथ खड़ा कर रहा है। यह लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ पूर्ण विश्वासघात है।’ (भाषा)