Women fighter pilots will be permanent in the Air force defence ministry decision

नई दिल्ली: इंडियन एयरफोर्स (Indian Air Force) में महिला फाइटर पायलट (Woman Fighter Pilot) को शामिल करने की एक्सपेरिमेंट योजना को अब परमानेंट में बदलने का फैसला किया गया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने ट्वीट करके कहा कि, रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायुसनेा में महिला लड़ाकू पायलट को शामिल करने की प्रायोगिक योजना को स्थाई योजना में बदलने का फैसला किया है. राजनाथ सिंह ने कहा कि, यह भारत की नारी शक्ति की क्षमता और हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की महिला सशक्तिकरण के प्रति कमिटमेंट का प्रमाण है.
सुप्रीम कोर्ट ने तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए नेशनल डिफेंस एकेडमी में महिलाओं के प्रवेश को लेकर अहम फैसला दिया था. इसके कुछ महीनों बाद अब रक्षा मंत्रालय ने यह अहम निर्णय लिया है. 2018 में इंडियन एयर फोर्स की फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी ने अकेले लड़ाकू विमान उड़ाकर इतिहास रच दिया था. क्योंकि वह पहली भारतीय महिला थीं जिन्हें यह कामयाबी मिली.
2019 में भारतीय सेना ने एक अहम फैसला लेते हुए महिलाओं को सैन्य पुलिस में शामिल करने की प्रोसेस शुरू की. वहीं 2016 में इंडियन एयरफोर्स की फाइटर स्ट्रीम में शामिल होने की एक्सपेरिमेंट योजना लागू होने के बाद 16 महिलाओं को फाइटर पायलट के तौर पर कमीशन किया गया.
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वायुसेना के प्रवक्ता ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने इसे स्थाई योजना बनाने की मंजूरी दे दी है. इस फैसले के साथ ही सेना में महिलाओं की भर्ती के लिए राह आसान हो गई है. वहीं राष्ट्रीय रक्षा अकादमी जून 2022 में महिला कैडेट के अपने पहले बैच को शामिल करने के लिए तैयार है. महिला पायलट राफेल जेट के अलावा, मिग-21, सुखोई-30 और मिग-29 लड़ाकू विमान भी उड़ा रही हैं. राफेल पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह गणतंत्र दिवस की परेड पर IAF की प्रदर्शनी का हिस्सा बनी थी.
फिलहाल भारतीय थल सेना, नौसेना और वायुसेना में 9 हजार से अधिक महिलाएं अपनी सेवाएं दे रही हैं.
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