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Budget 2022 highlights nirmala sitharaman speech news

नई दिल्ली. देश का बजट सत्र (Budget Session) आज से शुरू होने जा रहा है. मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) अपना चौथा बजट पेश करेंगे. खास बात है कि लगातार दूसरी बार बजट ऐसे समय पर आ रहा है, जब देश कोरोना वायरस मामलों में ताजा उछाल का सामना कर रहा है. ऐसे में अर्थशास्त्री अनुमान लगा रहे हैं कि सरकार कोरोना के कारण प्रभावित हई अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए बेहतर उपायों का ऐलान कर सकती है.

समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, इस बार के बजट सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं. क्योंकि विपक्षी दल किसानों के मुद्दों और चीन के साथ सीमा विवाद मामले को उठाने को तैयार हैं. साथ ही विपक्षी दल पेगासस जासूसी मामलों को लेकर भी सरकार को घेर सकते हैं. बहरहाल, बजट तैयार करने और पेश करने की जटिल प्रक्रिया हमेशा चर्चा का विषय रही है. इस बार भी देशवासियों को वित्त मंत्री की तरफ से जारी होने वाले बजट में कई खास चीजें देखने को मिलेंगी.

भारत के बजट के बारे में 10 रोचक बातें-

भारत का पहला बजट 7 अप्रैल 1860 में सामने आया था. उस दौरान ईस्ट इंडिया कंपनी के स्कॉटिश अर्थशास्त्री और राजनेता जेम्स विल्सन ने इसे ब्रिटिश क्राउन को पेश किया था.

स्वतंत्र भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 में तत्कालीन वित्त मंत्री आरके षणमुखम शेट्टी ने पेश किया था.

1 फरवरी 2020 को केंद्रीय बजट 2020-21 पेश करने के दौरान सबसे लंबे भाषण का रिकॉर्ड वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम दर्ज है. उस दौरान उन्होंने लगातार 2 घंटे 42 मिनट तक अपनी बात रखी. स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के चलते उन्होंने अपना भाषण कम करने का फैसला किया था. हालांकि, तब भी स्पीच के दो पन्ने बाकी रह गए थे.

हालांकि, शब्दों के लिहाज से मनमोहन सिंह ने साल 1991 में सबसे लंबा भाषण दिया था. पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के कार्यकाल में पेश बजट में उनके भाषण में 18 हजार 650 शब्द थे. 2018 में वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली के भाषण में 18 हजार 604 शब्द थे.

सबसे छोटे बजट भाषण का रिकॉर्ड वित्त मंत्री हीरूभाई मुलजीभाई पटेल के नाम है. 1977 में उन्होंने 800 शब्दों का भाषण दिया था.

साल 1999 तक केंद्रीय बजट फरवरी के अंतिम कार्यदिवस पर शाम 5 बजे पेश किया जाता था. ब्रिटिश काल से चली आ रही यह प्रक्रिया को तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने बदल कर सुबह 11 बजे कर दिया था. वहीं, अरुण जेटली ने व्यवस्था बदलकर 1 जनवरी 2017 से बजट पेश करना शुरू किया.

1955 तक केंद्रीय बजट अंग्रेजी में पेश किया जाता था. कांग्रेस सरकार ने बाद में बजट से जुड़े दस्तावेजों को हिंदी और अंग्रेजी में छपवाने का फैसला किया.

साल 2017 तक रेलवे और यूनियन बजट अलग-अलग पेश किया जाता था. यह प्रक्रिया 92 सालों तक चली. 2017 दोनों बजट को एक साथ पेश किया जाने लगा.

पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के बाद साल 2019 में निर्मला सीतारमण बजट पेश करने वाली दूसरी महिला बनीं. गांधी ने 1970-71 के लिए बजट पेश किया था.

सीतारमण ने ब्रीफकेस को हटाते हुए बजट से जुड़े दस्तावेजों के लिए ‘बही खाता’ का इस्तेमाल किया. हालांकि, बीते साल से पेपरलैस बजट के चलते बही खाता को भी शामिल नहीं किया जा रहा है. वित्त मंत्री टैबलेट के सहारे बजट भाषण देती हैं.

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