Supply management cut in fuel duties help control prices this fiscal economic Survey Inflation नियंत्रण में है महंगाई? जानिए किस आधार पर सरकार कह रही है कि काबू में हैं कीमतें


Inflation
Highlights
- आयातित खाद्य तेल और दालों की मुद्रास्फीति ने इन उत्पादों की कीमतों को बढ़ा दिया
- अप्रैल-दिसंबर अवधि में रिजर्व बैंक के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर पर बनी हुई
- माल ढुलाई की ऊंची लागत के कारण थोक कीमतों में 12 फीसदी से अधिक की तेजी देखी गई
नयी दिल्ली। आम आदमी कमरतोड़ महंगाई से बेहाल है, लेकिन सरकार का मानना है कि अभी भी महंगाई नियंत्रण में है। आपूर्ति पक्ष के बेहतर प्रबंधन और ईंधन शुल्क में कटौती के चलते चालू वित्त वर्ष में अभी तक कीमतें काफी हद तक नियंत्रित रही हैं। आर्थिक समीक्षा 2021-22 में सोमवार को यह बात कही गई है। हालांकि, इसमें महंगाई को लेकर कोई पूर्वानुमान नहीं दिया गया है। समीक्षा में कहा गया है कि आयातित खाद्य तेल और दालों की मुद्रास्फीति ने इन उत्पादों की कीमतों को बढ़ा दिया, जिसे सरकार ने सक्रिय उपायों से नियंत्रित किया।
खुदरा महंगाई की बात करें, तो उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति वित्त वर्ष 2021-22 की अप्रैल-दिसंबर अवधि में रिजर्व बैंक के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर पर बनी हुई है। हालांकि, आर्थिक गतिविधियों में तेजी, वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और माल ढुलाई की ऊंची लागत के कारण थोक कीमतों में 12 फीसदी से अधिक की तेजी देखी गई।
संसद में पेश आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि महामारी की दूसरी लहर के बाद आर्थिक गतिविधियों में तेजी के संकेत मिलने के साथ ही वैश्विक अर्थव्यवस्था को बढ़ती मुद्रास्फीति की चुनौती का सामना करना पड़ा। औसत सीपीआई मुद्रास्फीति अप्रैल-दिसंबर 2021-22 के दौरान 5.2 प्रतिशत के स्तर पर रही, जो इससे एक साल पहले इसी अवधि में 6.6 प्रतिशत थी।