Budget में 80सी की सीमा बढ़ने, EV पर शुल्कों में रियायत मिलने की उम्मीद Expected to increase the 80C limit in the budget, concession in duties on EV


Budget 2022
Highlights
- 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की करमुक्तता को बढ़ाकर दो लाख रुपये किया जाए
- सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों की बिक्री पर छूट दी जाए जिससे शेयर बाजार के जरिये निवेश बढ़ेगा
- आयातित वस्तुओं पर सीमा शुल्क में छूट का विस्तार किया जाए
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को जब अपना चौथा आम बजट पेश करेंगी तो सभी की निगाहें इस बात पर होंगी कि सरकार राजकोषीय मजबूती की कसौटी और लोक-लुभावन उपायों के बीच कैसे संतुलन स्थापित कर पाती है। देश के कॉरपोरेट जगत को आम बजट में कुछ महत्वपूर्ण घोषणाओं की उम्मीद है, जिनके बल पर वे अपने वृद्धि के एजेंडा को फिर से तय कर सकें। वहीं, आम करदाता अपने हाथ में खर्च योग्य आय बढ़ने की उम्मीद कर रहा है, ताकि वह निवेश कर सके और उपभोग बढ़ा सके। बजट को लेकर बाजार की शीर्ष उम्मीदें इस प्रकार हैं।
आम आदमी को बजट से उम्मीद
- प्रत्यक्ष कर: 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की करमुक्तता को बढ़ाकर दो लाख रुपये किया जाए
- वैकल्पिक रियायती कर व्यवस्था को अधिक स्वीकार्य बनाने के लिए इसके तहत सर्वाधिक 30 प्रतिशत कर दर के लिए 15 लाख रुपये की आय सीमा को बढ़ाया जाए।
- दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर लगने वाला कर (एलटीसीजी) निवेशकों के भरोसे को आघात पहुंचाता है, बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में यह कर नहीं होता।
- भारत में भी उम्मीद की जा रही है कि सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों की बिक्री पर इस कर में छूट दी जाए जिससे शेयर बाजार के जरिये निवेश बढ़ेगा।
कॉरपोरेट जगत को बजट से उम्मीद
- कॉरपोरेट जगत को कोविड-19 के दौरान समाज और कर्मचारी कल्याण पर आए खर्च या इसके बड़े हिस्से पर कर में छूट की उम्मीद है।
- अप्रत्यक्ष कर: इलेक्ट्रिक वाहनों और सहायक पुर्जों, नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन उपकरणों और इससे संबंधित घटकों के लिए सीमा शुल्क कर ढांचे को युक्तिसंगत बनाया जाए।
- सेमीकंडक्टर विनिर्माताओं के लिए क्षेत्र विशेष छूट।
- उत्पादन से संबंधित प्रोत्साहन योजना के विस्तार के लिए बजट आवंटन।
- जांच के लिए आयातित वस्तुओं पर सीमा शुल्क में छूट का विस्तार।
विशेषज्ञों की राय
नांगिया एंडरसन इंडिया के चेयरमैन राकेश नांगिया ने कहा कि कोविड संकट से पड़े असर के बावजूद बड़े कारोबार और उच्च-मध्यम वर्ग अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। उन्होंने कहा कि बजट में मुख्य रूप से ध्यान रोजगार, आय और मांग निर्माण के इर्दगिर्द परिवेश बनाने पर होना चाहिए। डेलॉइट इंडिया के भागीदार गोकुल चौधरी ने कहा कि बजट से निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है जहां महंगाई के कारण खर्च करने योग्य आय पर असर पड़ा है। एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि मध्यम वर्ग जहां तेजी से बढ़ती मुद्रास्फीति का मुकाबला करने के लिए खर्च करने योग्य आय बढ़ने की उम्मीद कर रहा है, वहीं बड़ी कंपनियों को कर ढांचे में स्थिरता की तथा सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को कारोबार में विकास के लिए अतिरिक्त तरलता उपलब्ध होने की अपेक्षा है।