Coronavirus impact on bones steroid use aiims submitted a proposal to the icmr

नई दिल्ली. कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर (Coronavirus Second Wave) के दौरान कई मरीजों में हड्डियों से जुड़ी परेशानियों की बात सामने आई थी. अब ऑल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) ने कोविड मरीजों में खासतौर से स्टेरॉयड (Steroid) के इस्तेमाल और खून के थक्कों के चलते एवास्क्युलर नेक्रोसिस (Avascular Necrosis) के मामलों पर स्टडी के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) से अनुमति मांगी है. इस संबंध में AIIMS की तरफ से प्रस्ताव दाखिल कर दिया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, AIIMS में ऑर्थोपैडिक्स और ट्रॉमा सेंटर के प्रमुख डॉक्र राजेश मल्होत्रा की तरफ से मल्टीसेंट्रिक स्टडी से जुड़ा एक प्रस्ताव ICMR को सौंपा गया है. इस स्टडी में दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल जैसे ज्यादा मामलों में वाले क्षेत्रों को कवर किया जा सकता है. देशभऱ में इस तरह के मामले सामने आए थे. AIIMS दिल्ली में 50 से ज्यादा मरीजों का इलाज किया गया. वहीं, मुंबई के नानावटी अस्पताल में 10 AVN मरीजों का हिप रिप्लेसमेंट हुआ.
मुंबई स्थित नानावटी अस्पताल के डॉक्टर प्रदीप भोसले बताते हैं, ‘प्राथमिक रूप से ऐसे मरीजों में एवीएन के दो कारण होते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘यह कोविड के इलाज के दौरान स्टेरॉयड के अधिक इस्तेमाल यह खून के थक्के जमाने वाले कोविड की क्षमता के कारण हो सकता है, जो रक्त प्रवाह को रोकता है. दर्द औऱ मरीज की अक्षमता के कारण कई लोग हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी कराते हैं. हमारे अस्पताल में AVN के ऐसे करीब 10 मरीज हिप रिप्लेसमेंट से गुजर चुके हैं.’
डॉक्टर मल्होत्रा ने कहा, ‘हमें यह समझना होगा कि इन मरीजों को स्टेरॉयड जल्दी या देर से दिए गए, स्टेरॉयड पर उपचार की अवधि क्या थी और किस मात्रा में खुराक दी गई थी. साथ ही ऐसे मरीजों में कितना मात्रा ज्यादा होती है.’ डॉक्टर्स के अनुसार, AVN का शिकार हो चुके ज्यादातर मरीजों की उम्र 35-45 वर्ष है. उनका कहना है कि दूसरी लहर के दौरान बुजुर्गों में टीकाकरण की ज्यादा संख्या इसका कारण हो सकता है, जिसके चलते स्टेरॉयड पर उनकी निर्भरता सीमित हो गई.
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ऑर्थोपैडिक और ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉक्टर विजय मोहन ने कहा, ‘कोविड से उबर चुके मरीजों में AVN के लक्षण नजर आने में महीनों का समय लगता है. शायद एक साल के बाद, ज्यादा स्टडी के साथ हमें स्पष्ट जवाब मिलेगा.’ डॉक्टर मोहन केरल ऑर्थोपैडिक एसोसिएशन के एकेडमिक फोरम के अध्यक्ष भी हैं.
दूसरी लहर में कई गंभीर निमोनिया से जूझ रहे थे, जिनके इलाज में स्टेरॉयड की ज्यादा खुराकों की जरूरत थी. एम्स पहुंचे एवीएन के 50 मामलों में केवल 12 मरीज ऐसे थे, जिन्हें कोविड के उपचार के दौरान स्टेरॉयड नहीं दिया गया और इनमें 60 फीसदी महिलाएं थी. अस्पताल में 5 मरीजों ने हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी कराई.
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