The work of the first phase of the construction of the grand shri ram temple is completed the temple will open from december 2023

अयोध्या. श्री राम जन्मभूमि में बन रहे भव्य श्री राम मंदिर निर्माण (Ayodhya Ram Mandir Construction) के पहले फेज का काम पूरा हो गया है. जमीन के 50 फीट गहराई में कांक्रीट की आधारशिला रखी जा चुकी है. राम मंदिर जिस 2.77 एकड़ जमीन पर बन रहा है, उस जगह पर बेस बनाने का काम पूरा हो गया है. मंदिर दिसम्बर 23 तक तैयार हो जाएगा. इसमें 2 लाख लोग प्रतिदिन में दर्शन कर सकेंगे. राम जन्म भूमि ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने News18 Hindi को बताया कि यहां दिन रात काम हो रहा है.
उन्होंने बताया कि पूरा काम वैज्ञानिक ढंग से किया जा रहा है. अभी बेस बनाने में पांच महीने का वक्त लगा है. इसके लिए नियत स्थान पर करीब 50 फीट गहराई में कांक्रीट की आधारशिला रखी गई है. वहीं, प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि दिसंबर 2023 तक राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा, इसके लिए टाइम लाइन तय की गई है और उसे फालो किया जा रहा है. ट्रस्ट का दावा है कि 2023 तक रामलला अपने गर्भगृह में बैठ जाएंगे. मंदिर की मजबूती के लिहाज से किसी भी तरीके का समझौता नहीं किया जाएगा.
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वहीं कंस्ट्रक्शन मैनेजर ने कहा कि मिर्जापुर से पत्थर लाए गए हैं. इनसे मंदिर निर्माण होगा. इन्हें निर्माण स्थल पर ही जमा किया गया है. इन्हीं पत्थरों पर मंदिर का पूरा भार होगा. मंदिर की ऊंचाई 161 फीट होगी. पूरे मंदिर में कहीं भी लोहे का इस्तेमाल नहीं होगा. केवल पत्थरों से बनने वाले इस मंदिर की आयु 1000 साल से ज्यादा होगी. जनवरी के बाद से पत्थर लगाने का काम शुरू हो जाएगा.
जमीन में डाली गई चट्टान करेगी नींव का काम
बीते दिनों 400 फुट लंबा 300 फुट चौड़ा और 50 फुट गहरे भूखंड में चट्टान की भराई की गई थी, जिसका उपयोग मंदिर की बुनियाद के तौर पर किया गया था. मंदिर हजारों वर्ष तक सुरक्षित रहें इसके लिए ट्रस्ट और इंजीनियर प्रयासरत हैं. भारत के इतिहास में इतने बड़े भूखंड में इतनी बड़ी बुनियाद कभी नहीं भरी गई है. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि रंग महल के बैरियर पर जिस लेवल पर आप खड़े रहते हैं, उस लेवल से लगभग 14 मीटर गहराई तक एक बहुत विशाल क्षेत्र में चट्टान ढाली गई. देश का कोई इंजीनियर नहीं कह सकता कि स्वतंत्र भारत में ऐसी कोई चट्टान जमीन में डाली गई है. यह चट्टान मंदिर की नींव का काम करेगी. चट्टान लगभग एक लाख पचासी हजार घन मीटर क्षेत्र में डाली गई है.
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