Assembly Elections 2022 BJP UP Goa Swami Prasad Maurya news

(प्रज्ञा कौशिक)
नई दिल्ली. पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले सियासी दल बदल का दौर जारी है. हालांकि, खबर है कि कुछ नेताओं के पार्टी बदलने के बाद भी भारतीय जनता पार्टी (BJP) बेफिक्र नजर आ रही है. सूत्र बताते हैं कि पार्टी छोड़ने वाले कई नेताओं को टिकट नहीं मिलने की संभावना थी और इसी के चलते दल बदलने के फैसले लिए गए. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि गोवा में माइकल लोबो औऱ उत्तर प्रदेश में स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के पार्टी छोड़ने का अनुमान था और इससे आगामी चुनाव की तैयारियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
सूत्रों का कहना है कि सत्ता विरोधी लहर का सामना करने के लिए भाजपा गोवा और यूपी में एक-तिहाई विधायकों को टिकट नहीं देने की योजना बना रही है. सूत्रों ने कहा कि यो लोग छोड़कर जा रहे हैं, वे जानते हैं कि परिवार को टिकट देने की उनकी अनुचित मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा और इसलिए उन्होंने विपक्षी खेमे के साथ बातचीत शुरू कर दी है.
गोवा में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने लिखा, ‘भारतीय जनता पार्टी एक बड़ा परिवार है, जो पूरे समर्पण के साथ मातृभूमि की सेवा जारी रखेगा! लालच और निजी हितों का एजेंडा पूरा करने के लिए कुछ लोगों का पार्टी छोड़ना हमारे सुशासन के एजेंडा को नहीं रोक सकता.’ वहीं, यूपी में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी ट्वीट के जरिए स्वामी प्रसाद मौर्य से बातचीत की अपील की है और जल्दबाजी में गलत फैसले नहीं लेने के लिए कहा है. हालांकि, अभी तक पार्टी की तरफ से कोई कोशिश नहीं देखी गई गई है. जबकि, कई नेताओं के यह मानने के बाद भी पिछड़ी जातियों के चेहरे का बाहर जाना एक झटका है, क्योंकि दर्जनभर से ज्यादा सीटों पर उनका प्रभाव है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘यह एक झटका है. उनकी गतिविधियों से लग रहा था कि वे पार्टी छोड़ेंगे. कैबिनेट पद से लेकर बेटी के लिए सांसद के टिकट तक पार्टी ने उन्हें सबकुछ दिया. हम इसके लिए तैयार थे. कुछ लोग पार्टी छोड़ रहे हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि उन्हें भी टिकट नहीं दिया जाएगा. टिकट हासिल करने के लिए व्यक्ति को काम करना पड़ता है.’ मौर्य के अलावा यूपी भाजपा के कुछ और नेताओं ने भी इस्ताफे की घोषणा कर दी है. उनका कहना है कि पार्टी ने व्यापारियों, किसानों और पिछड़े समूहों को नजरअंदाज किया है.
यह भी पढ़ें: कौन होगा पंजाब का CM? अपने फैसले पर घिरती दिख रही कांग्रेस, सिद्धू के बाद चन्नी ने दिए संकेत
स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे की भी कम से कम दो भाजपा नेताओं ने आलोचना की. गौरव भाटिया ने पहले ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने अपने पूर्व सहयोगी की तुलना ‘अंधेरे’ से की थी. हालांकि, बाद में पोस्ट डिलीट कर दी गई थी. वहीं, सांसद हरनाथ सिंह यादव ने दावा किया कि मौर्य की मानसिका ‘जिन्ना समर्थक’ की थी.
पार्टी ने प्रदेश प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह समेत अन्य लोगों से चुनाव से पहले नेताओं के पार्टी छोड़ने पर नजर बनाए रखने के लिए कहा है. राज्य में 10 फरवरी से लेकर 7 मार्च तक 7 चरणों में वोटिंग होगी. गोवा में 14 फरवरी को मतदान होगा. पंजाब और उत्तराखंड में भी एक ही दिन चुनाव होगा. जबकि, मणिपुर में 27 फरवरी औऱ 3 मार्च को दो चरणों में वोट डाले जाएंगे. चुनाव आयोग की तरफ से जारी कार्यक्रम के अनुसार, मतगणना 10 मार्च को होगी.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |