Iran Offers to Assist India in Transportation of Aid to Afghanistan

नई दिल्ली. ईरान ने गंभीर मानवीय संकट से जूझ रहे अफगानिस्तान को गेहूं, दवाएं और कोरोना वायरस के टीके पहुंचाने में भारत को मदद की पेशकश की है. ईरानी विदेश मंत्रालय के अनुसार, विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ शनिवार को टेलीफोन पर बातचीत के दौरान ईरानी विदेश मंत्री हुसैन आमिर-अब्दुल्लाहियन ने यह पेशकश की थी. ईरानी विदेश मंत्रालय के अनुसार, अब्दुल्लाहियन ने काबुल में एक समावेशी सरकार के गठन की भी मांग की.
इसने एक बयान में कहा, ‘‘अफगानिस्तान के संबंध में, आमिर-अब्दुल्लाहियन ने देश में एक समावेशी सरकार बनाने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने अफगानिस्तान में भारत की मानवीय सहायता का भी उल्लेख किया. साथ ही गेहूं, दवा और कोविड-19 वैक्सीन के रूप में इस सहायता में ईरान के सहयोग की घोषणा भी की.’’ ईरान और अफगानिस्तान लगभग 920 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं.
कोविड-19 टीकों की तीन खेप अफगानिस्तान भेज चुका है भारत
भारत पहले ही जीवन रक्षक दवाओं और कोविड-19 टीकों की तीन अलग-अलग खेप अफगानिस्तान भेज चुका है, जबकि पहली खेप एक विशेष चार्टर उड़ान पर भेजी गई थी, जिसके माध्यम से काबुल से 104 लोगों को नई दिल्ली लाया गया था. बाद की सहायता ईरान की महान एयर की उड़ान के माध्यम से काबुल भेजी गई थी.
अफगानिस्तान को 50,000 टन गेहूं की आपूर्ति का वादा अब तक अधूरा
भारत ने अफगानिस्तान को 50,000 टन गेहूं की आपूर्ति का वादा किया था, जो अभी तक पूरा नहीं हो सका है, क्योंकि पाकिस्तान के सड़क मार्ग के जरिये अफगानिस्तान को सहायता पहुंचाने के तौर-तरीके के बारे में इस्लामाबाद फैसला नहीं कर सका है. भारत के पास ईरान में चाबहार बंदरगाह के जरिये अफगानिस्तान को सहायता भेजने का विकल्प मौजूद है.
अफगानिस्तान के घटनाक्रम को लेकर भारत और ईरान संपर्क में
जयशंकर ने शनिवार को ट्वीट किया था, “ईरानी सहयोगी, विदेश मंत्री अब्दुल्लाहियन से व्यापक बातचीत हुई. उनसे कोविड की कठिनाइयों, अफगानिस्तान में चुनौतियों, चाबहार की संभावनाओं और ईरानी परमाणु मुद्दे की जटिलताओं पर चर्चा हुई.” गत वर्ष 15 अगस्त को तालिबान के कब्जे में आने के बाद से अफगानिस्तान के घटनाक्रम को लेकर भारत और ईरान परस्पर संपर्क में हैं.
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ईरानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने दो महीने पहले अफगान संकट पर भारत द्वारा आयोजित एक क्षेत्रीय सम्मेलन में भी भाग लिया था. सम्मेलन में रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उजबेकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने भी भाग लिया था. ईरानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि अब्दुल्लाहियन ने प्रमुख द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर जयशंकर के साथ विचारों का आदान-प्रदान किया.
इसमें कहा गया है, ‘‘ईरान में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में नवीनतम स्थिति के बारे में भारतीय विदेश मंत्री के सवाल के जवाब में, अब्दुल्लाहियन ने इस्लामिक गणराज्य में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण के अच्छे रुख का उल्लेख किया.’’ ईरानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि जयशंकर ने महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई का भी उल्लेख किया और कहा कि हालांकि मामलों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन टीकाकरण भी बेहतर गति से आगे बढ़ रहा है.
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