this year Taste of mango is differ due to climate change is according to horticulture institute dlnh– News18 Hindi

नकली और मिलावटी दवाई से बिगड़ गया स्वाद
गर्मियों के इस मौसम में अगर किसी की जुबान पर मलिहाबाद का नाम आता है तो उसकी सिर्फ एक ही वजह आम है. लेकिन इन दिनों मलिहाबाद के आम उगाने वाले किसान भी खासे परेशान हैं. वजह है आम के स्वाद में आया फर्क. मलिहाबाद के किसान इस्लाम अली का कहना है, “पहले हम आम को तमाम तरह की बीमारियों से बचाने के लिए पूरी फसल के दौरान तीन बार दवाई का स्प्रे करते थे. लेकिन अब उसी दवाई का 7 से 8 बार तक स्प्रे करना पड़ता है.
क्योंकि अब तीन-चार बार स्प्रे करने से दवाई का असर नहीं दिखाई देता है. इसीलिए आम के स्वाद में फर्क आ गया है. एक वजह इस बार की बेमौसम बारिश भी है. हमने कृषि मंत्रालय में भी नकली और मिलावटी दवाई के बारे में शिकायत की है. लेकिन अभी तक इसे रोकने के लिए कोई काम नहीं हुआ है.”
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आंधी न चलने से खूब आ रहा है आम
अलीगढ़ के अतरौली कस्बे में आम के उत्पादक रिंकू चौधरी बताते हैं, “बीते साल कोरोना-लॉकडाउन के चलते आम की स्पलाई नहीं हो पाई थी. जितना मौका मिला था उस वक्त में लोकल मंडी में ही आम खपाया गया था. लेकिन इस बार वक्त रहते लॉकडाउन में छूट मिल गई. आंधी और तेज हवाएं भी नहीं चलीं, जिससे पकने से पहले ही आम पेड़ से टूटकर नहीं गिरा. इसी वजह से खूब पैदावार हो रही है.”
केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ के निदेशक डॉ. शैलेन्द्र राजन का इस बारे में कहना है कि आम की फसल खासतौर से दशहरी को सूखी जगह और गर्म मौसम चाहिए. लेकिन इस बार मार्च महीने में भी खूब बारिश हुई. और ऐसा नहीं है कि आम के स्वाद में यह फर्क एकदम से आया है. पर्यावरण में आ रहे बदलाव के साथ यह असर हर साल देखने को मिल रहा है.