RBI Policy impact: महंगे Home लोन से त्योहारी सीजन में घरों की बिक्री पर पड़ेगा बुरा असर RBI Policy impact: home loans will Expensive bad effect on festive season home buyers


RBI Policy impact: भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार चैथी बार ब्याज दर में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है। इस बढ़ोतरी के बाद अब रेपो रेट बढ़कर 5.90 फीसदी पहुंच गया है। वहीं, इस साल अप्रैल से लेकर अब तक रेपो रेट में 1.90 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में बढ़ोतरी से बैंक होम लोन पर ब्याज दर में इजाफा करेंगें। रियल्टी सेक्टर के जानकारों का कहना है कि केंद्रीय बैंक के इस कदम से त्योहारी सीजन में खर की खरीद पर बुरा असर होगा। घरों की बिक्री में कमी आने की आशंका है।
हाउसिंग लोन और महंगा होगा
अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव ने बताया कि आरबीआई के रेपो रेट में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी से होम लोन लेना और महंगा होगा। लोन महंगा होने से घर खरीदारों की भावनाओं पर असर पड़ा है। खासकर किफायती और मध्यम आय वर्ग फैमिली पर इसका ज्यादा असर देखने को मिलेगा। त्योहारी सीजन में घरों की बिक्री सबसे ज्यादा होती है। ऐसे में हम उम्मीद कर रहे थे इस बार आरबीआई से राहत मिलेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे प्राॅपर्टी बाजार में घरों की बिक्री की गति कम हो सकती है। हालांकि, कुल मिलाकर खरीद पर इसका बहुत अधिक असर नहीं होगा क्योंकि मांग काफी अधिक है और बाजार में सप्लाई कम है।
खरीदारों के सेंटीमेंट पर असर होगा
अमित मोदी, अध्यक्ष क्रेडाई वेस्टर्न यूपी और निदेशक एबीए कॉर्प ने कहा कि आरबीआई द्वारा 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी ने एक बार फिर रेपो दर को 5.4% से बढ़ाकर 5.9% कर दिया है। इसका पहला और सबसे महत्वपूर्ण प्रभाव होम लोन की ब्याज दरों पर पड़ेगा। यह मध्यम-आय वर्ग के घर खरीदारों के लिए एक झटका होगा क्योंकि इससे उन्हें पिछले साल की तुलना में फिर से लागत अधिक होगी। हालांकि, मुद्रास्फीति को रोकने के लिए यह एक कुशल कदम है क्योंकि दुनिया भर में इनपुट लागत में समग्र वृद्धि हुई है। रहेजा डेवलपर्स के नयन रहेजा के अनुसार, पिछली बार रेपो रेट वृद्धि का उद्देश्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना था जबकि 50 बीपीएस की वर्तमान वृद्धि प्रमुख रूप से दुनिया के प्रमुख केंद्रीय बैंकों की मौद्रिक सख्ती का परिणाम है। वर्तमान में दर 5.9% हो गई है, यह निश्चित रूप से अचल संपत्ति बाजार के दीर्घकालिक विकास को प्रभावित करेगा क्योंकि यह दर वृद्धि न केवल इसे पूर्व-महामारी के स्तर से ऊपर उठाती है, बल्कि ब्याज दरों में अतिरिक्त वृद्धि की संभावना के साथ मनोवैज्ञानिक गुंजाईश को हटा देता है।
खरीदारों पर बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा
एसकेए ग्रुप के निदेशक, संजय शर्मा ने बतया कि हालिया बढ़ोतरी ने रेपो दर को 5.4% से बढ़ाकर 5.9% कर दिया है, जिसमें 50 आधार अंकों का मामूली बदलाव किया गया है। वृद्धि मामूली है और खरीदारों पर इसका कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि दरों में न्यूनतम वृद्धि होगी। अचल संपत्ति में प्रचलित वैश्विक परिदृश्य के साथ यह काफी अपेक्षित था। डेवलपर्स आरबीआई के इस फैसले की मदद से इनपुट लागत से निपटने से निपटने के लिए एक सुविधाजनक माध्यम के तौर पर देखेंगे। महागुन ग्रुप के निदेशक, अमित जैन के अनुसार, आरबीआई द्वारा रेपो दरों में 50 आधार अंकों की वृद्धि की काफी उम्मीद थी। इससे मध्यम आय वर्ग या किफायती खंड के घर खरीदारों को एक छोटी सी बाधा का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन इस क्षेत्र के समग्र विकास में कोई बड़ा अंतर नहीं होगा। हाल के प्रवृति के अनुसार रियल एस्टेट क्षेत्र पहले से ही काफी अच्छा कर रहा है, और सरकार के इस फैसले से इसे और अधिक विकास मिलेगा।