कुल आवास बिक्री में किफायती मकानों का हिस्सा 2021 में घटकर 43% पर: रिपोर्ट । Affordable housing segment’s share in total sales dips to 43% in 2021: Report


affordable housing projects
Highlights
- 45 लाख से 75 लाख रुपये के मूल्य वर्ग के मकानों की हिस्सेदारी 2021 में 27 प्रतिशत हो गई- रिपोर्ट
- ’75 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक के अपार्टमेंट की हिस्सेदारी पहले के 9 से बढ़कर 11% हो गई’
- ‘वर्ष 2021 में देश में किफायती घरों के लिए आकर्षण बढ़ा है’
नयी दिल्ली: पिछले साल कुल आवास बिक्री में 45 लाख रुपये तक की कीमत वाले किफायती मकानों का हिस्सा घटकर 43 प्रतिशत रह गया। इससे एक साल पहले 2020 में यह 48 प्रतिशत था। रियल एस्टेट के बारे में परामर्श देने वाली प्रॉपटाइगर के अनुसार, हालांकि 75 लाख रुपये से ऊपर की आवासीय इकाइयों की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत से बढ़कर 31 प्रतिशत पर आ गई।
प्रॉपटाइगर ने ‘रियल इनसाइट रेजिडेंशियल-एनुअल राउंड-अप 2021’ शीर्षक से जारी एक रिपोर्ट में कहा कि आठ प्रमुख आवास बाजारों में मकानों की बिक्री वर्ष 2021 में 13 प्रतिशत बढ़कर 2,05,936 इकाई हो गई, जो इससे पिछले वर्ष में 1,82,639 इकाई थी। आंकड़ों के अनुसार, भारत के आठ प्रमुख आवास बाजारों में कुल बिक्री में 43 प्रतिशत हिस्सा 45 लाख रुपये तक के मकानों का था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 45 लाख से 75 लाख रुपये के मूल्य वर्ग के मकानों की हिस्सेदारी 2021 में 27 प्रतिशत हो गई, जो एक साल पहले 2020 में 26 प्रतिशत थी। वहीं 75 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक के अपार्टमेंट की हिस्सेदारी पहले के नौ प्रतिशत से बढ़कर 11 हो गई। एक करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले मकानों की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत से बढ़कर 20 प्रतिशत हो गई।
ये आठ प्रमुख शहर हैं- अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र-दिल्ली (गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद), एमएमआर (मुंबई, नवी मुंबई और ठाणे) और पुणे। प्रॉपटाइगर के अनुसार सरकार के नीतिगत समर्थन से वर्ष 2021 में देश में किफायती घरों के लिए आकर्षण बढ़ा है।
आयकर कानून की धारा 80ईईए के तहत, 45 लाख रुपये तक के मकान पर पहली बार घर खरीदने वालों को 1.50 लाख रुपये की अतिरिक्त कर छूट का लाभ मिलता है। ऐसे खरीदार कर्ज पर प्रधानमंत्री आवास योजना कार्यक्रम (पीएमएवाई) के तहत सब्सिडी का दावा भी कर सकते हैं।
हाउसिंग डॉटकॉम, प्रॉपटाइगर डॉटकॉम एवं मकान डॉटकॉम समूह के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ध्रुव अग्रवाल ने कहा, “सरकारी सब्सिडी के अलावा, आवास ऋण पर ब्याज की कम दरें भी 2021 में देश में घरों की बिक्री के लिये एक प्रमुख कारण रही हैं।
अर्थव्यवस्था भी धीरे-धीरे वर्ष के दौरान महामारी की दूसरी लहर के झटके से उबर गई है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम 2022 में भी विशेष रूप सरकारी सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए किफायती घरों के मामले में आवासीय बाजार में और अधिक तीव्र गतिविधियां देखने की उम्मीद कर रहे हैं।’’