Niti Aayog releases NER District SDG Index report East Sikkim tops chart
नई दिल्ली। पूर्वोत्तर राज्यों में सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) हासिल करने के मामले में पूर्वी सिक्किम अव्वल रहा है। वहीं निर्धारित मानदंडों के आधार पर नगालैंड का किफिरे जिला सबसे निचले पायदान पर रहा है। नीति आयोग के पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) जिला एसडीजी सूचकांक रिपोर्ट 2021-22 में यह स्थिति सामने आई है। नीति आयोग और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) जिला एसडीजी सूचकांक रिपोर्ट और डैशबोर्ड 2021-22 जारी किया।
डैशबोर्ड प्रगति के बारे में पल-पल की जानकारी देते हैं। रिपोर्ट में सूचकांक के तहत सतत विकास लक्ष्यों के आधार पर पूर्वोत्तर क्षेत्र के आठ राज्यों अरूणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा के जिलों के प्रदर्शन का आकलन किया गया है। एसडीजी के मामले में निर्धारित लक्ष्य और उसे हासिल करने के मामले में प्रगति के आधार पर जिलों की सूची तैयार की गयी है। सूची में क्षेत्र में 75.87 अंक के साथ पूर्वी सिक्किम जिला पहले स्थान पर है। उसके बाद गोमती तथा उत्तरी त्रिपुरा 75.73 अंक के साथ दूसरे स्थान पर आये हैं। रिपोर्ट के अनुसार क्षेत्र के 103 जिलों के अंक 53 से लेकर 75.7 तक है। इसमें 53 अंक नगालैंड के किफिरे और 75.8 अंक पूर्वी सिक्किम जिले के हैं। इसमें कहा गया है कि रैंकिंग में शामिल 103 जिलों में से 64 जिले समग्र अंक और रैंकिंग के आधार पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले अगुवा श्रेणी के अंतर्गत हैं। सिक्किम और त्रिपुरा के सभी जिले अगुवा श्रेणी में हैं। दोनों राज्यों में कोई भी जिला आकांक्षी या उपलब्धि हासिल करने वाली श्रेणी में नहीं है।
इस मौके पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा, ‘‘पूर्वोत्तर क्षेत्र जिला एसडीजी सूचकांक सतत विकास लक्ष्य यात्रा की दिशा में मील का पत्थर है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि विकास यात्रा में कोई भी पीछे नहीं रहे। एसडीजी को अपनाने, कार्यान्वयन और निगरानी में जिलों, विशेष रूप से हमारे 8 पूर्वोत्तर राज्यों के जिलों को रखने से स्थानीय स्तर पर सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के मामले में मजबूती मिलेगी।’’ पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, पर्यटन और संस्कृति मंत्री जी कृष्ण रेड्डी ने कहा कि सूचकांक से संतुलित क्षेत्र विकास के मामले में साक्ष्य आधारित नियोजन, संसाधन आबंटन और प्रभावी निरीक्षण तथा निगरानी में मदद मिलेगी।’’
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