श्रीलंका: इस्तीफे की मांग के साथ प्रदर्शनकारियों का पीएम आवास पर धावा, सरकार में भारी उथल पुथल

कोलंबो. इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा श्रीलंका में भारी विरोध प्रदर्शन जारी है. सोमवार को करीब 2000 प्रदर्शनकारियों ने कर्फ्यू के आदेश की अवहेलना करते हुए प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के आवास पर धावा बोल दिया. प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारें कीं. कोलंबो से 200 किलोमीटर दक्षिण में स्थित तांगले में ‘कार्लटन हाउस’ के नाम से मशहूर प्रधानमंत्री के आवास के पास लगभग 2,000 लोग पहुंचे और राजपक्षे के विरोध में नारे लगाते हुए अवरोधकों को नीचे गिरा दिया. दिलचस्प बात यह है कि सिंहली बहुल आबादी वाले तांगले को शक्तिशाली राजपक्षे परिवार का गढ़ माना जाता है.
चश्मदीदों के मुताबिक गुस्साए प्रदर्शनकारी पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहे और राजपक्षे के इस्तीफे की मांग करते हुए उनके द्वार की ओर भागे. आर्थिक संकट से निपटने में सरकार की नाकामी ने जनता को नाराज कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप रविवार से देशव्यापी और सुनियोजित विरोध प्रदर्शन हुए हैं.
26 कैबिनेट मंत्रियों के इस्तीफे
आर्थिक संकट के कारण श्रीलंका में लोग वर्तमान में घंटो बिजली की कटौती और आवश्यक वस्तुओं की कमी का सामना कर रहे हैं. इन विरोध प्रदर्शनों के कारण सरकार ने आपातकाल और 36 घंटे के कर्फ्यू एवं सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. यहां इंडिपेंडेंस स्क्वायर में रविवार को सरकार विरोधी प्रदर्शन किया गया, जिसमें राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आपातकाल की स्थिति लागू करने के कदम और अन्य प्रतिबंधों का विरोध किया गया. देश के मध्य प्रांत में रविवार शाम को विश्वविद्यालय के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन भी शुरू किया. श्रीलंका में मौजूदा आर्थिक उथल-पुथल और अशांति के नतीजतन सभी 26 कैबिनेट मंत्रियों के इस्तीफे ने राजनीतिक परिवर्तन को जन्म दिया है.
मंत्री बासिल राजपक्षे को पद से हटाया
श्रीलंका के राष्ट्रपति ने सोमवार को अपने भाई और वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे को पद से हटा दिया और देश के सबसे खराब आर्थिक संकट के कारण हुई कठिनाइयों के खिलाफ जनता के गुस्से से निपटने के लिए विपक्षी दलों को एकता मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया. बासिल ने श्रीलंका को मौजूदा विदेशी मुद्रा संकट से निपटने में मदद करने के लिए भारतीय आर्थिक राहत पैकेज पर बातचीत की थी. बासिल की जगह अली साबरी ने ली है, जो रविवार रात तक न्याय मंत्री थे. बासिल देश को अभूतपूर्व आर्थिक संकट से उबारने के लिए संभावित राहत पैकेज के वास्ते अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मदद मांगने के लिए अमेरिका के लिए रवाना होने वाले थे. सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना गठबंधन के भीतर उन्हें लेकर बहुत नाराजगी थी.
सेंट्रल बैंक के गवर्नर ने दिया इस्तीफा
सार्वजनिक रूप से बासिल की आलोचना करने के कारण पिछले महीने दो मंत्रियों को कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया गया था. कैबिनेट मंत्रियों के इस्तीफे के बाद तीन अन्य नए मंत्रियों ने शपथ ली. जी एल पीरिस ने विदेश मंत्री के रूप में शपथ ली, जबकि दिनेश गुणवर्धने नए शिक्षा मंत्री हैं. जॉनसन फर्नांडो को राजमार्ग का नया मंत्री नियुक्त किया गया. इस बीच, सेंट्रल बैंक के गवर्नर अजित निवार्ड काबराल ने भी सोमवार को अपने इस्तीफे की घोषणा की. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘सभी कैबिनेट मंत्रियों के इस्तीफा देने के संदर्भ में, मैंने आज गवर्नर के रूप में अपना इस्तीफा सौंप दिया है. श्रीलंका आईएमएफ संरचनात्मक समायोजन सुविधा के जरिए श्रीलंका के लिए आर्थिक राहत की मांग करने में कठोर रुख अपनाने के लिए काबराल (67) की आलोचना हुई थी. प्रमुख विपक्षी दल समागी जन बालावेगाया ने सोमवार को इस्तीफे के इस दौर को एक ‘‘ढकोसला’’ करार दिया और अंतरिम सरकार बनाने के लिए राष्ट्रपति के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया.
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