क्या होते हैं ‘हेल्पर’ और ‘किलर’ T सेल्स, जो कोरोना के खिलाफ निभाते हैं बड़ी भूमिका?

नई दिल्ली. कोरोना वायरस को लेकर अब तक सारे रहस्यों का खुलासा नहीं हुआ है. दुनियाभर में कई शोधकर्ता कोविड-19 (Covid-19) से जुड़ी गुत्थियों को सुलझाने में लगे हुए हैं. ऐसे में वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) के सामने आने के बाद कुछ राहत मिली थी, लेकिन कोरोना के बदलते रूप के चलते वैक्सीन पर निर्भरता भी सवालों के घेरे में आ गई. इस बात को लेकर चिंता बढ़ गई थी कि क्या नए वेरिएंट्स टीके के असर को कम कर सकते हैं.
हाल ही में आई एक स्टडी ने इस चिंता को कुछ हद तक दूर करने में मदद की है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में इस एक रिसर्च के हवाले से बताया गया है कि T सेल्स में कोविड-19 के खिलाफ लंबे समय तक इम्युनिटी बनी रह सकती है. अब T सेल्स से जुड़े कुछ आम सवालों के जवाब जानते हैं और समझते हैं कि आखिर इम्युनिटी के मामले में T सेल्स की भूमिका क्या होती है-
[q]क्या होते हैं किलर और हेल्पर T सेल्स?[/q][ans]एंटीबॉडीज के अलावा इम्यून सिस्टम T सेल्स की एक फौज तैयार करता है, जो वायरस को निशाना बना सकते हैं. इनमें से कुछ को किलर T सेल्स कहा जाता है, जो वायरस से संक्रमित हो चुके सेल्स को खोजते हैं और खत्म करते हैं. अन्य को हेल्पर T सेल्स कहा जाता है, जो इम्यून सिस्टम से जुड़े कामों के लिए जरूरी हैं. ये सेल्स एंटीबॉडीज और किलर T सेल्स तैयार करने समेत कई अहम काम करते हैं.[/ans] [q]क्या T सेल्स संक्रमण से बचा सकते हैं?[/q][ans]T सेल्स संक्रमण को नहीं रोकते, क्योंकि वे वायरस के शरीर में प्रवेश करने के बाद सक्रिय होते हैं. लेकिन वे शुरू हो चुके संक्रमण को साफ करने के लिए जरूरी हैं.[/ans] [q]अलग-अलग वेरिएंट्स का क्या?[/q][ans]इम्यूनोलॉजिस्ट एलेजांड्रो सेटे ने पाया है कि एंटीबॉडीज की तुलना में T सेल्स अलग-अलग वेरिएंट्स के चलते तैयार हो रहे जोखिम के खिलाफ और ज्यादा प्रतिरोधी हो सकते हैं. सेटे और उनकी साथियों की तरफ से किए गए अध्ययनों में पता चला है कि SARS-CoV-2 के संक्रमित लोग आमतौर पर T सेल्स तैयार करते हैं, जो कोरोना वायरस प्रोटीन के कम से कम 15-20 अलग-अलग फ्रेंगमेंट्स को निशाना बनाता है.[/ans] [q]क्या समय के साथ वैक्सीन का असर कम होगा?[/q][ans]व्हाइट हाउस के मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉक्टर एंथॉनी फाउची ने कहा था कि कोविड वैक्सीन से मिलने वाली सुरक्षा समय के साथ कम हो जाएगी, जिसके लिए बूस्टर डोज की जरूरत होगी. हालांकि, इसे लेकर अभी भी कई शोध जारी है कि आखिर किसे और कब बूस्टर डोज की जरूरत होगी. बीते हफ्ते विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अमीर और गरीब देशों में वैक्सीन वितरण को लेकर बढ़ी असमानता के चलते कोविड-19 वैक्सीन बूस्टर शॉट पर सितंबर तक रोक लगाने की आह्वान किया था. संगठन के प्रमुख टेडरोस अधानोम घेब्रेयसस ने देशों और सप्लाई पर नियंत्रण रखने वाली कंपनियों को रफ्तार बढ़ाने और गरीब देशों को ज्यादा वैक्सीन सुनिश्चित करने के लिए कहा था.[/ans]पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.