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Mirabai Chanu could not stop her tears after seeing her mother – मां को देखकर अपने आंसू नहीं रोक सकी मीराबाई चानू

Mirabai Chanu could not stop her tears after seeing her mother- India TV Hindi
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Mirabai Chanu could not stop her tears after seeing her mother

इंफाल। ओलंपिक की तैयारी के लिये पिछले पांच बरस में ज्यादातर वह उनसे दूर रही लेकिन तोक्यो में अपना सपना पूरा होने के बाद गले में रजत पदक लेकर भारोत्तोलक मीराबाई चानू जब मणिपुर लौटी तो अपनी मां को देखकर आंसुओं पर काबू नहीं रख सकी। मणिपुर ने अपनी बिटिया के स्वागत में मानो पलक पावडे बिछा दिये और हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने उन्हें सम्मानित किया। 

सोमवार को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर हुए स्वागत समारोह की तरह ही यहां बीर टिकेंद्रजीत अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर मीराबाई की झलक पाने के लिए बड़ी संख्या में लोगों के साथ मीडियाकर्मी भी मौजूद थे। उनके हवाई अड्डे से बाहर निकलते ही अफरातफरी मच गयी। रियो (2016) ओलंपिक में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद मीराबाई को पिछले पांच वर्षों में बहुत बार घर आने का मौका नहीं मिला था। 

ओलंपिक भारोत्तोलन में 49 किग्रा भार वर्ग में शनिवार को रजत पदक जीतने वाली मीराबाई यहां पहुंचने पर अपनी मां सेखोम ओंगबी तोम्गी लीमा और पिता सेखोम कृति मेइतेई से गले मिली जिसके बाद उनकी आंखें नम हो गयी। इस बीच सुरक्षाकर्मियों ने उनके आसपास एक घेरा बनाया था। चानू ने खेलों के दौरान ओलंपिक प्रतीक चिह्न जैसी सोने की बालियां (कान का आभूषण) पहनी थी जो काफी लोकप्रिय हुआ। 

यह बालियां उनकी मां ने पांच साल पहले रियो खेलों से पहले अपने आभूषण बेच कर बनवायी थी। उनका मानना था कि यह मीराबाई के लिए भाग्यशाली साबित होगा। 

सम्मान समारोह के बाद उन्होंने ट्वीट किया ,‘‘ यह रजत पदक और भी खास हो गया है। पूरे भारत और मणिपुर के लोगों का इतना प्यार मिल रहा है। मुझे बधाई देने आने वाले हर व्यक्ति की मैं शुक्रगुजार हूं।’’ 

यह 26 साल की खिलाड़ी यहां से लगभग 25 किलोमीटर दूर नोगपोक काकचिंग गांव में रहती है। मीराबाई हवाई अड्डे से मणिपुर राज्य सरकार के सम्मान समारोह में शामिल होने पहुंची, जिसकी मेजबानी मुख्यमंत्री ने की थी। मुख्यमंत्री ने उन्हें एक करोड़ रूपये का चेक और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (खेल) के पद पर नियुक्ति का पत्र सौंपा। मीराबाई के तोक्यो में पदक जीतने के बाद ही उन्होंने इस पुरस्कार की घोषणा की थी। 

समारोह में मीराबाई के माता पिता, उनके बचपन की कोच अनिता चानू और राज्य सरकार के कुछ मंत्रियों ने भाग लिया। 

इसके बाद मीराबाई अपने गांव रवाना हो गई। मणिपुर की इस खिलाड़ी ने 49 किग्रा वर्ग में कुल 202 किग्रा (87 किग्रा + 115 किग्रा) भार उठाकर शनिवार को रजत पदक हासिल किया था। इससे पहले भारोत्तोलन में 2000 सिडनी ओलंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी ने कांस्य पदक जीता था। मीराबाई के परिवार में तीन बहनें और दो भाई भी हैं।

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