तेजस क्लास के हाई क्वालिटी कोच से लैस हुई राजधानी एक्सप्रेस, यात्रियों को मिलेंगी ये सुविधा

मुंबई सेंट्रल से दिल्ली के निजामुद्दीन स्टेशन तक चलने वाली राजधानी एक्सप्रेस में जो स्मार्ट रैक लगाया गया है, उसमें ऑटोमैटिक दरवाजें हैं. वो जब तक बंद नहीं होंगे, तब तक ट्रेन नहीं चलेगी. इन दरवाजों का कंट्रोल ट्रेन के लोको पायलट के पास होगा.
इस ट्रेन में तेजस के जो रैक लगाए गए हैं, उसमें सभी कोचों में पहली बार सोने वाली सीटें लगाई गई हैं. इसमें 3AC, 2AC और फर्स्ट AC कोच शामिल हैं, जिसके जरिए यात्रियों का सफर आरामदायक होगा, जबकि मुम्बई-अहमदाबाद तेजस में सिर्फ सिटिंग सीटें ही लगी हुई हैं.
ट्रेन में एयरक्राफ्ट की तर्ज पर वायो वैक्यूम टॉइलट सिस्टम लगाया गया है, जिसके जरिये पानी का इस्तेमाल कम होगा और इस्तेमाल ज्यादा यात्री कर सकेंगे. सभी डिब्बों को फायर अलार्म और डिटेक्शन सिस्टम से लैस किया गया है. अगर किसी भी कोच में धुआं दिखता है तो फायर अलार्म में लगा सेंसर उसे डिटेक्ट कर लेगा और ऑटोमेटिक ब्रेक लग जाएगा.
सभी डिब्बों में अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिसे डे-नाईट विजन, फेस रेकोगनाइजेशन और वीडियो रिकॉर्डिंग सिस्टम से लैस किया गया है. यात्रियों के सफर को मनोरंजनमय बनाने के लिए रेलवे ने सभी कोचों को वाई-फाई से लैस किया है, जिसके जरिये यात्रा के दौरान यात्री फ़िल्म और म्यूजिक का आनंद ले सकेंगे. इतना ही नहीं, इस ऐप के जरिए कोच अटेंडेंट के संपर्क में भी यात्री रह सकते हैं.
इसके अलावा पैसेंजर इनफार्मेशन सेंटर, डिजिटल डेस्टिनेशन बोर्ड, मेडिकल या सुरक्षा इमरजेंसी की स्थिति में आपातकालीन टॉकबैक से भी सभी कोचों को लैस किया गया है. इतना ही नही, टॉयलेट ऑक्यूपेंसी और पानी की उपलब्धता बताने के लिए भी सेंसर लगाया गया है.
दरअसल राजधानी एक्सप्रेस को मॉडिफाई करने का काम आरसीएफ कपूरथला की तरफ से किया गया है. रेलवे की योजना है कि कई ट्रेनों को मॉडिफाई करके उनके पुराने कोच को हटाकर नए और स्मार्ट रैक लगाएं जाएं. इसी योजना के तहत मॉडिफाई होने वाली राजधानी एक्सप्रेस पहली ट्रेन है. आने वाले समय के कई अन्य ट्रेनो को भी इसी तरह से मॉडिफाई करने की रेलवे की योजना है.
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