‘अब मित्र देश भी पाकिस्तान को भिखारी समझने लगे हैं’, PM शहबाज शरीफ । PM Shehbaz Sharif says even friendly countries started looking at Pakistan as beggars


PM Shehbaz Sharif
Highlights
- छोटी अर्थव्यवस्थाओं ने भी पाकिस्तान को पीछे छोड़ दिया- शरीफ
- पिछले 30 वर्षों की सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है पाकिस्तान
- बाढ़ के कारण 1,400 से ज्यादा लोगों की मौत, 3.3 करोड़ लोग प्रभावित
Pakistan News: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश की संकट में फंसी अर्थव्यवस्था की कमजोर तस्वीर पेश करते हुए गुरुवार को कहा कि मित्र राष्ट्र भी अब पाकिस्तान को ऐसे देश के रूप में देखने लगे हैं जो लगातार पैसे की भीख मांगता रहता है। स्थानीय सामाचार पत्र, ‘डॉन न्यूज’ ने शरीफ का हवाला देते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने बुधवार को वकीलों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि आज जब हम किसी मित्र देश में जाते हैं या उन्हें फोन करते हैं, तो वे सोचते हैं कि हम उनसे पैसे मांगने आए हैं।’’
पिछले 30 वर्षों की सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा पाकिस्तान
शरीफ ने कहा कि छोटी अर्थव्यवस्थाओं ने भी पाकिस्तान को पीछे छोड़ दिया है और हम पिछले 75 साल से कटोरा लेकर भटक रहे हैं। शरीफ के अनुसार, पहले से ही देश की अर्थव्यवस्था एक ‘चुनौतीपूर्ण स्थिति’ का सामना कर रही थी…अब बाढ़ ने भी इसे और अधिक मुश्किलों में डाल दिया है। नकदी की कमी से जूझ रहा यह देश पिछले 30 वर्षों की सबसे भीषण बाढ़ से भी जूझ रहा है। इस साल जून माह की शुरुआत से बाढ़ के कारण 1,400 से अधिक लोगों की मौत हुई है और 3.3 करोड़ लोग इस आपदा से प्रभावित हैं।
12 अरब डॉलर के नुकसान का अनुमान
वहीं देश का एक-तिहाई हिस्सा पानी में डूब गया। यहां हर सात में से एक व्यक्ति बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है। बाढ़ से लगभग 78,000 वर्ग किलोमीटर (2.1 करोड़ एकड़) फसल पानी में डूब गई है और करीब 12 अरब डॉलर के नुकसान का अनुमान है।
पाकिस्तान में पड़ने वाला है भीषण अकाल
वहीं, आपको बता दें कि एक नई रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि अगर देश भर में बाढ़ के बीच बाहरी स्रोतों से खाद्य आपूर्ति की व्यवस्था नहीं की गई तो आधे पाकिस्तान को अकाल का सामना करना पड़ सकता है। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और अनुसंधान मंत्रालय की एजेंसियों द्वारा संकलित रिपोर्ट में कहा गया है कि बाढ़ ने पाकिस्तान की खाद्य आपूर्ति को कम से कम 70 प्रतिशत नष्ट कर दिया है, जिसका अर्थ है कि आबादी को अकाल से बचाने के लिए खाद्य सामानों का जल्द ही आयात किया जाना चाहिए।