प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर पर क्यों धीमी पड़ी टीकाकरण की रफ्तार? AHPI ने बताई वजह
दरअसल, 21 जून से वैक्सीन की रफ्तार तेज करने के लिए केंद्र सरकार ने नियमों में बदलाव किया, लेकिन पाया जा रहा है कि जो रफ्तार होनी चाहिए वो नहीं हो पा रही है. केंद्र सरकार ने समीक्षा की तो पाया कि 15 राज्यों में प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर्स पर लोगों को वैक्सीन देने की रफ्तार स्लो है. इन 15 राज्यों में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा, तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, पंजाब और हरिय़ाणा शामिल हैं.
छोटे अस्पतालों के पास नहीं है वैक्सीन
AHPI के मुताबिक उसने 70 प्राइवेट अस्पतालों पर सर्वे किया है, जिसमें पाया गया है कि छोटे अस्पतालों के पास वैक्सीन नहीं मिल पा रही है. सर्वे में दावा किया गया है कि 77 फीसदी अस्पतालों ने कहा कि उन्हें वैक्सीन टाइम पर नहीं मिल पा रही है, 41 फीसदी अस्पतालों ने जवाब दिया कि उनके इलाके में राज्य सरकार की तरफ से नोडल ऑफिसर की नियुक्ति नहीं की गयी है. 39 फीसदी अस्पतालों ने कहा कि नोडल ऑफिसर तो है लेकिन उनसे कोई मदद नहीं मिल रही है.
वहीं इस पूरे मामले पर एएचपीआई के महानिदेशक डॉ. गिरिधर ग्यानी का कहना है, ‘इसके पीछे स्टेट गवर्नमेंट दिक्कत कर रही है या पीछे से सप्लाई नहीं आ रही है ये हम नहीं बता सकते हैं. हम वैक्सीनेशन के मामले में तत्पर हैं अगर हमें वैक्सीन मुहैया कराई जाय.’
अब तक कितने लोगों का वैक्सीनेशन?
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार देश में अब तक कुल 39 करोड़ 53 लाख 43 हजार 767 लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 3 करोड 95 लाख 20 हजार 85 लोगों का टीकाकरण किया गया है जबकि दूसरे नंबर पर 3 करोड 82 लाख 68 हजार 323 टीके लगाकर महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर कायम है.
ज्यादा वैक्सीनेशन वाले राज्यों में तीसरे नंबर पर गुजरात है. यहां अभी तक 2 करोड 87 लाख 62 हजार 502 डोज लगाए हैं. वहीं चौथे नंबर पर राजस्थान का नाम है. यहां 2 करोड 75 लाख 622 टीके लगाए गए हैं. वहीं कर्नाटक 2 करोड़ 66 लाख 14 हजार 608 डोज के साथ पांचवे नंबर पर कायम है.
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