Akal Takht furious for not including the name of Baba Ram Rahim in the challan in the case of sacrilege-punss– News18 Hindi

उन्होंने याद दिलाया कि प्राथमिकी संख्या 128 में डेरा प्रमुख के नाम का उल्लेख किया गया था. फिर चालान दाखिल करते समय उनका नाम कैसे हटा दिया गया. उन्होंने मांग की कि बेअदबी के मामलों में न्याय दिया जाना चाहिए और सिखों के लिए भावनात्मक मुद्दे पर राजनीति से बचना चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उन्हें न्याय नहीं दिया गया तो वे इसे लेने में सक्षम हैं.
गौरतलब है कि पूर्व में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी मामले में बनी SIT ने डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को मुख्य साजिशकर्ता बताया था. गुरमीत सहित डेरे की राष्ट्रीय कमेटी में शामिल त्रुशोल कॉलोनी सिरसा के हर्ष धुरी, संदीप बरेटा व प्रदीप कलेर पर पुलिस ने केस दर्ज किया था.
बताते हैं कि पुरानी एसआईटी की जांच में पाया गया था कि 2015 में डेरा प्रमुख की ‘एमएसजी’ फिल्म रिलीज हुई, जिस पर कुछ सिख संगठनों के साथ डेरा प्रेमियों की तकरार हुई थी. इसके बाद आरोपितों ने कथित तौर पर डेरा मुख्यालय, सिरसा से मिले निर्देशों के मुताबिक बदले की भावना से श्री गुरु ग्रंथ साहिब का स्वरूप चोरी किया और चार महीने तक छिपाकर रखा.
फिर 25 सितंबर-2015 को गांव बुर्ज जवाहर सिंह के गुरुद्वारा साहिब के बाहर पोस्टर लगाए गए जिसमें कई आपत्तिजनक और सिखों की भावनाओं को भड़काने वाले शब्द थे. इसके बाद 12 अक्टूबर-2015 को बरगाड़ी के गुरुद्वारा साहिब के बाहर पावन ग्रंथ के पृष्ठ बिखरे हुए मिले थे.
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