दहेज के खिलाफ जागरूकता जगाने केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने किया उपवास

राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने दहेज के विरोध और लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए किए गए उपवास के संबंध में राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ( Kerala Chief Minister Pinarayi Vijayan) से चर्चा की है. वे भी इस मुहिम से सहमत हैं और इसे बढ़ावा देना चाहते हैं. राज्यपाल ने समाज सुधारकों नारायण गुरु कुरियाकोस एलियास चावरा, वक्कम मौलवी आदि के योगदान को याद किया जिन्होंने लड़कियों की प्रगति और शिक्षा की वकालत की थी. राजभवन में उपवास के बाद राज्यपाल दोपहर चार बजे गांधी भवन में आयोजित प्रार्थना सभा में शामिल भी हुए.
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राज्यपाल के अनुसार, गांधीजी की पोती तारा गांधी भट्टाचार्जी ने उन्हें उपवास की बधाई देने के लिए फोन किया. केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन, पूर्व राज्यपालों ओ राजगोपाल और कुम्मनम राजशेखरन, पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी, पूर्व केंद्रीय मंत्री कोडिकुन्निल सुरेश सहित अन्य गणमान्य ने उनसे मुलाकात की. गौरतलब है कि घरेलू हिंसा और दहेज से संबंधित उत्पीड़न के बाद जून में 25 साल से कम उम्र की तीन महिलाओं की संदिग्ध मौत के बाद राज्य में महिलाओं की स्थिति पर चर्चा हो रही है. राज्यपाल उस युवती के परिजनों से मिलने उनके घर गए थे, जिसकी कथित तौर पर दहेज प्रताड़ना के कारण ससुराल में मौत हो गई थी.
पिछले पांच वर्षों में, राज्य पुलिस के अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, केरल में दहेज से संबंधित मौतों के 66 मामले और पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा उत्पीड़न के 15,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. केरल राज्य महिला आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, 2010 के बाद से, विशेष रूप से दहेज से संबंधित उत्पीड़न के लगभग 1,100 मामले सामने आए हैं, जिनमें से लगभग आधे मामले राजधानी जिले तिरुवनंतपुरम से हैं.
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