स्वतंत्रता सेनानियों की वीरगाथाओं के दस्तावेज आम लोगों के लिए जल्द होंगे ऑनलाइन उपलब्ध

केंद्रीय मंत्री इस दौरान अनुसंधान कक्ष, पुराने भंडार, संरक्षण कक्ष, अभिलेखागार के पुराने भवन आदि का दौरा किया और कहा कि राष्ट्रीय अभिलेखागार दुनिया में अभिलेखागार के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित केंद्रों में से एक है. यहां पर 18 करोड़ पेज, 57 लाख फाइल और 1.25 लाख मैप का दस्तावेज सुरक्षित रखा है. भविष्य की पीढ़ियों के लिए इस रिकॉर्ड को संरक्षित करना जरूरी है. इस उद्देश्य से इन्हें डिजिटल फॉर्म में किया जा रहा है. आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ को ध्यान में रखते हुए देश को आजादी दिलाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों की वीरगाथाओं और बलिदानों के सारे अभिलेखों को प्राथमिकता पर इन्हें डिजिटल फॉर्म में कराया जाएगा, जिससे आम लोग भी इन अभिलेखों को रिकॉर्ड पोर्टल में देख सकें.
निरीक्षण के दौरान केंद्रीय मंत्री ने भारत सरकार के महत्वपूर्ण समझौतों, विदेश संधियों और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के व्यक्तित्व और कार्यों से संबंधित व बौद्ध संस्कृति से संबंधित दस्तावेजों के संरक्षण कार्य की सराहना की. इस दौरान मंत्रालय के सचिव राघवेंद्र सिंह और भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार के महानिदेशक चंदन सिन्हा भी मौजूद रहे.