पूरी दुनिया में उम्मीद जगा रही भारत की कोवैक्सीन, जानें क्या बोला अंतरराष्ट्रीय संगठन

गावी की वेबसाइट पर प्रकाशित इस लेख में कोवैक्सीन को हाई-एफिकेसी रेट वाली वैक्सीन बताया गया है. साथ ही लेख यह भी स्पष्ट करता है कि कोवैक्सीन से वैक्सीनेशन के बाद बुखार और शरीर दर्द जैसे सामान्य लक्षण उभरते हैं. इससे कोई गंभीर साइड इफेक्ट अभी तक नहीं देखा गया है. भारत के अलावा 15 देशों में कोवैक्सीन को इमरजेंसी यूज अप्रूवल मिल चुका है. इनमें जिंबाब्वे, ईरान, मेक्सिको, फिलपिन्स, ग्वातेमाला और बोत्सवाना जैसे देश शामिल हैं.
लेख कहता है कि कोवैक्सीन पारंपरिक तरीके से बनी है. यानी, इसमें डेड वायरस को शरीर के अंदर डाला जाता है, जिससे शरीर वायरस को पहचानता है और उसके खिलाफ एंटीबॉडी बनाता है. इसे इनैक्टिवेटेड होल वायरस ( inactivated whole virus vaccine) वैक्सीन कहा जाता है.
क्या है गावी
गावी कम और मध्यम आय वाले देशों को वैक्सीन मुहैया कराने के लिए पब्लिक-प्राइवेट ग्लोबल हेल्थ पार्टनरशिप है. यह तय करता है कि दुनियाभर में वैक्सीन कार्यक्रम अमीर देशों के अलावा गरीब और मध्यम आय वाले देशों तक भी पहुंचे.
कोवैक्सीन को जल्द मंजूरी मिलने के आसार
मई में भारत बायोटेक ने इमरजेंसी यूज लिस्टिंग के लिए WHO के पास आवेदन दिया था. कहा गया था कि वैक्सीन को जुलाई-सितंबर तक सूची में शामिल किया जा सकता है. 23 जून को WHO और भारत बायोटेक के बीच एक प्री-सबमिशन मीटिंग हुई. एक बार भारत बायोटेक कोवैक्सीन के फेज-3 ट्रायल का पूरा डेटा जमा कर देता है, तो डोजियर पूरा हो जाएगा और फिर संगठन इसकी समीक्षा करेगा. कंपनी को उम्मीद है कि कोवैक्सीन की EULआवेदन की समीक्षा प्रक्रिया एफिकेसी स्टडी डेटा के जमा किए जाने के बाद जुलाई में शुरू हो जाएगी.