दूसरे देशों को कोविन ऐप क्यों ऑफर कर रहा है भारत, कैसे करेंगे वो इसका इस्तेमाल?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब जब दुनिया वैक्सीनेशन को लेकर आगे कदम बढ़ा रही है तो डिजिटल अप्रोच की आवश्यकता है. भारत में कोविन ऐप के जरिए लोग अपने वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट आसानी के साथ पा सकते हैं. सर्टिफिकेट का प्रिंटआउट या फोटोकॉपी साथ लेकर चलने की जरूरत नहीं है. सर्टिफिकेट में सुधार करवाया जा सकता है. स्मूथ वैक्सीनेशन के लिए ये ऐप बेहद मददगार है.
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कैसे होता है इस्तेमाल
कोविन ऐप को आप मोबाइल के जरिए खोल सकते हैं. इसके अलावा इसे आप सीधे वेबसाइट के जरिए भी खोल सकते हैं. यहां मोबाइल नंबर के जरिए रजिस्ट्रेशन किया जाता है. इस साल जब जनवरी में देशभर में वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई थी तब इस ऐप के जरिए ही वैक्सीन के लिए स्लॉट बुकिंग होती थी. हालांकि सरकार ने अब स्लॉट बुकिंग की अनिवार्यता हटा दी है. लेकिन अब भी इस ऐप से आपको किसी भी सेंटर पर उपलब्ध वैक्सीन की संख्या के बारे में पता चल सकता है.
कैसे करेंगे अन्य देश इस्तेमाल
सवाल ये है कि आखिर दूसरे देश इसका इस्तेमाल कैसे करेंगे? दरअसल भारत अब कोविन को ओपन सोर्स प्लेटफॉर्म बना देगा. इसके जरिए अन्य देश भी इस तकनीक का अपने देश की जरूरतों के मुताबिक इस्तेमाल कर सकेंगे. एक इंटरव्यू में कोविन ऐप के चीफ आरएस शर्मा ने कहा है कि दुनिया के 76 देशों ने इसमें दिलचस्पी जताई है. इन देशों में कनाडा, मेक्सिको, नाइजीरिया, पनामा, वियतनाम और यूगांडा जैसे देश शामिल हैं.